श्री सूर्य देव – ऊँ जय कश्यप नन्दन (Shri Surya Dev Aarti) श्री सूर्य देव, जिन्हें सूर्य भगवान या आदित्य के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखते हैं। वे सर्वशक्तिमान और सृष्टि के पालनकर्ता हैं, जो ब्रह्मा, विष्णु, और महेश के साथ सृष्टि के संपूर्ण चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। सूर्य देव को जीवन और ऊर्जा का स्रोत माना जाता है, जिनके बिना ब्रह्मांड की किसी भी जीवंतता की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
ऊँ जय कश्यप नन्दन के अर्चना गीत में सूर्य देव की पूजा और उनकी महिमा का वर्णन किया गया है। यह आर्ति विशेष रूप से सूर्य देव की आराधना के समय गाई जाती है, जो उनके प्रति भक्ति और सम्मान प्रकट करती है। “जय कश्यप नन्दन” का अर्थ है “कश्यप मुनि के पुत्र की जय”, जो सूर्य देव के पिता कश्यप मुनि की संतान होने का प्रमाण है। यह स्तुति सूर्य देव की शक्ति, शौर्य, और उनके दिव्य गुणों की सराहना करती है, और भक्तों को सूर्य देव के आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करती है।
सूर्य देव की पूजा से न केवल आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है, बल्कि इससे शरीर और मन को भी ऊर्जा और शक्ति मिलती है। यह आर्ति भगवान सूर्य की आराधना में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और भक्तों को उनके जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि, और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए प्रेरित करती है।
इस प्रकार, ऊँ जय कश्यप नन्दन सूर्य देव की आराधना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो भक्तों को उनके आशीर्वाद और कृपा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। इस आर्ति के माध्यम से भक्त सूर्य देव की महिमा को सराहते हैं और उनके जीवन को दिव्य ऊर्जा से भरपूर करने की कामना करते हैं।
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Jai Kashyapa Nandana
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|| श्री सूर्य देव – ऊँ जय कश्यप नन्दन ||
ऊँ जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥
॥ ऊँ जय कश्यप…॥
सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥
॥ ऊँ जय कश्यप…॥
सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥
॥ ऊँ जय कश्यप…॥
सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥
॥ ऊँ जय कश्यप…॥
कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥
॥ ऊँ जय कश्यप…॥
नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥
॥ ऊँ जय कश्यप…॥
सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान मोह सब, तत्वज्ञान दीजै॥
ऊँ जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥
|| Shri Surya Dev Aart: Jai Kashyapa Nandana ||
Om, Jay Kashyap Nandan, Prabhu Jay Aditi Nandan.
Tribhuvan Timir Nikandan, Bhakt Hriday Chandan.
|| Om Jay Kashyap… ||
Sapt Ashwarath Rajit, Ek Chakradhari.
Dukhahari, Sukhakari, Manas Malhari.
|| Om Jay Kashyap… ||
Sur Muni Bhoosur Vandit, Vimal Vibhavashali.
Agh Dal Dalan Divakar, Divya Kiran Mali.
|| Om Jay Kashyap… ||
Sakal Sukarm Prasvita, Savita Shubhakari.
Vishwa Vilochan Mochan, Bhav Bandhan Bhari.
|| Om Jay Kashyap… ||
Kamal Samuh Vikasak, Nashak Tray Tapaa.
Sevat Sahaj Harat Ati, Manasij Santapaa.
|| Om Jay Kashyap… ||
Netra Vyadhi Har Survar, Bhu Pida Haari.
Vrishti Vimochan Santat, Parhit Vratadhari.
|| Om Jay Kashyap… ||
Surya Dev Karunakar, Ab Karuna Keejai.
Har Agnyaan Moh Sab, Tatv Gyaan Deeje.
Om Jay Kashyap Nandan, Prabhu Jay Aditi Nandan.
Tribhuvan Timir Nikandan, Bhakt Hriday Chandan.
Shri Surya Dev Aarti Lyrics
Shri Surya Dev Aarti Benefits
श्री सूर्य देव – ऊँ जय कश्यप नन्दन के लाभ
श्री सूर्य देव की आरती, “ऊँ जय कश्यप नन्दन” एक महत्वपूर्ण हिन्दू पूजा और भक्ति गीत है जो सूर्य देवता की पूजा के समय गाया जाता है। सूर्य देवता को अटल शक्ति, प्रकाश और जीवन के स्रोत के रूप में पूजा जाता है। इस आरती का पाठ करने से विभिन्न लाभ होते हैं, जो शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्तर पर अनुभव किए जा सकते हैं।
इस लेख में हम “ऊँ जय कश्यप नन्दन” की आरती के लाभों को विस्तार से समझेंगे।
शारीरिक स्वास्थ्य
सूर्य देवता की आरती का नियमित पाठ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। सूर्य देवता सूर्य की किरणों के माध्यम से ऊर्जा प्रदान करते हैं, जो हमारे शरीर को कई तरीके से लाभ पहुँचाती है:
- विटामिन डी की प्राप्ति: सूर्य की किरणें विटामिन डी का महत्वपूर्ण स्रोत हैं। यह विटामिन हड्डियों की मजबूती और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है। आरती के समय सूर्य की आराधना से मानसिक और शारीरिक स्तर पर सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
- ह्रदय स्वास्थ्य: सूर्य देवता की पूजा से रक्त संचार में सुधार होता है। यह ह्रदय के लिए लाभकारी होता है और ह्रदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम करता है।
- स्वस्थ त्वचा: सूर्य की किरणों से त्वचा को आवश्यक विटामिन मिलता है, जो त्वचा की चमक और स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होता है। सूर्य देवता की पूजा से मन में सकारात्मकता और आत्म-संतोष की भावना आती है, जो त्वचा की सुंदरता को बढ़ावा देती है।
मानसिक शांति और तंत्रिका तंत्र
सूर्य देवता की आरती मानसिक शांति और तंत्रिका तंत्र के संतुलन के लिए अत्यंत फायदेमंद होती है:
- मानसिक स्पष्टता: सूर्य की किरणें मानसिक स्पष्टता और जागरूकता को बढ़ावा देती हैं। आरती के माध्यम से सूर्य देवता की पूजा करने से मस्तिष्क की सक्रियता बढ़ती है, जिससे व्यक्ति के निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होता है।
- तनाव और चिंता में कमी: सूर्य देवता की आरती से मन की शांति प्राप्त होती है, जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करती है। आरती के समय ध्यान और मंत्र जाप से मानसिक स्थिति में सुधार होता है।
- उत्साह और ऊर्जा: सूर्य देवता के पूजन से मानसिक ऊर्जा और उत्साह में वृद्धि होती है। यह व्यक्ति को सक्रिय और उत्साही बनाए रखता है, जो कार्यक्षमता को बढ़ाता है।
आध्यात्मिक लाभ
सूर्य देवता की आरती का आध्यात्मिक लाभ भी बहुत महत्वपूर्ण होता है:
- आध्यात्मिक उन्नति: सूर्य देवता की आराधना से आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह पूजा आत्मा को शुद्ध करती है और आत्मिक ज्ञान को प्राप्त करने में सहायता करती है।
- कर्मों की शुद्धि: सूर्य देवता की पूजा से व्यक्ति के कर्मों की शुद्धि होती है। इससे व्यक्ति के पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार: सूर्य देवता की आरती से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह ऊर्जा व्यक्ति के जीवन को सुखद और समृद्ध बनाती है।
सामाजिक और पारिवारिक लाभ
सूर्य देवता की आरती सामाजिक और पारिवारिक जीवन में भी कई लाभ प्रदान करती है:
- परिवार में सामंजस्य: सूर्य देवता की पूजा से परिवार में सामंजस्य और स्नेह बढ़ता है। यह पारिवारिक संबंधों को मजबूत बनाता है और पारिवारिक विवादों को कम करता है।
- समाज में सम्मान: सूर्य देवता की आरती से समाज में व्यक्ति की प्रतिष्ठा और सम्मान बढ़ता है। यह समाज में सकारात्मक छवि बनाने में मदद करता है।
- सामाजिक समस्याओं का समाधान: सूर्य देवता की पूजा से समाज में उत्पन्न होने वाली समस्याओं का समाधान होता है। यह सामाजिक समरसता को बढ़ावा देती है और समाज के उत्थान में योगदान करती है।
धार्मिक और संस्कृतिक महत्व
सूर्य देवता की आरती का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी अत्यधिक होता है:
- धार्मिक परंपरा की अनुपालना: सूर्य देवता की पूजा हिन्दू धर्म की महत्वपूर्ण परंपरा है। इस आरती के माध्यम से धार्मिक परंपराओं का पालन होता है और धार्मिक संस्कारों को बनाए रखा जाता है।
- सांस्कृतिक धरोहर: सूर्य देवता की पूजा भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है। इस आरती के द्वारा भारतीय संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखा जाता है।
- धार्मिक उत्सवों में योगदान: सूर्य देवता की आरती धार्मिक उत्सवों और पर्वों के दौरान विशेष महत्व रखती है। यह उत्सवों के आध्यात्मिक अनुभव को बढ़ाती है और धार्मिक माहौल को सजाती है।
ऊँ जय कश्यप नन्दन आरती सूर्य देवता की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके माध्यम से शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। सूर्य देवता की आराधना से जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस प्रकार, सूर्य देवता की आरती न केवल धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा है, बल्कि यह जीवन के विभिन्न पहलुओं में सकारात्मक प्रभाव डालती है।