श्री राम अमृतवाणी (Shri Ram Amritwani PDF), एक ऐसा दिव्य ग्रंथ है जो श्री राम के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक है। इस ग्रंथ में भगवान श्री राम की उपासना की विधि, उनके गुण, उनके जीवन की कथाएँ, और उनके प्रति भक्तों की भक्ति का सटीक और संपूर्ण वर्णन किया गया है। यह ग्रंथ विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो भगवान श्री राम के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखते हैं और जो उनके जीवन और शिक्षाओं से मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहते हैं। आप हमारी वेबसाइट में दुर्गा आरती और दुर्गा अमृतवाणी भी पढ़ सकते हैं।
श्री राम अमृतवाणी का महत्व
श्री राम अमृतवाणी का महत्व केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन के दृष्टिकोण से भी अत्यधिक है। यह ग्रंथ हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने और उनके अनुसार जीवन जीने की प्रेरणा देता है। इसमें श्री राम के जीवन के आदर्श और नैतिक मूल्यों को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया गया है, जो हर व्यक्ति को अपने जीवन में अपनाने योग्य हैं।
ग्रंथ की रचना और संरचना
श्री राम अमृतवाणी की रचना संत कवि ने की है, जिन्होंने श्री राम के चरित्र और उनके उपदेशों को अपने शब्दों में संजोया है। यह ग्रंथ हिंदी में लिखा गया है और इसकी भाषा सरल एवं प्रवाहमयी है, जिससे इसे पढ़ना और समझना आसान हो जाता है। इसमें भगवान श्री राम की महिमा, उनके कर्म, उनके प्रेम, और उनके भक्तों के प्रति उनके अनंत प्रेम को स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है।
ग्रंथ की संरचना मुख्यतः भजन, स्तुति, और उपदेशों के संग्रह पर आधारित है। प्रत्येक अध्याय या कविता में श्री राम के विभिन्न गुणों और उनके जीवन की घटनाओं का वर्णन किया गया है। यह ग्रंथ हमें न केवल भक्ति की ओर प्रेरित करता है, बल्कि जीवन की सच्चाईयों और चुनौतियों का सामना करने की शक्ति भी प्रदान करता है।
भक्ति और आदर्श
श्री राम अमृतवाणी भक्ति और आदर्श के महत्वपूर्ण तत्वों को उजागर करता है। इसमें भगवान श्री राम की भक्ति के विभिन्न पहलुओं को समझाया गया है और यह दर्शाया गया है कि किस प्रकार भगवान की उपासना करने से जीवन में सुख और शांति प्राप्त की जा सकती है। इसके अतिरिक्त, यह ग्रंथ हमें जीवन के नैतिक मूल्यों और आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा देता है। श्री राम के जीवन की घटनाएँ हमें सिखाती हैं कि सही मार्ग पर चलना और सच्चे उद्देश्य के प्रति समर्पित रहना कितना महत्वपूर्ण है।
सामाजिक और व्यक्तिगत प्रभाव
श्री राम अमृतवाणी का व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। यह ग्रंथ उन लोगों के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है जो जीवन की कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं और जिनकी आस्था और विश्वास को ठेस पहुँची है। भगवान श्री राम के जीवन की कथाएँ और उनकी उपदेशों से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि हर परिस्थिति में सकारात्मक दृष्टिकोण और धैर्य बनाए रखना आवश्यक है।
सामाजिक दृष्टिकोण से भी, श्री राम अमृतवाणी का महत्व अतुलनीय है। यह ग्रंथ लोगों को एकता, भाईचारे, और प्रेम के महत्व को समझाता है। श्री राम की उपासना और उनके आदर्शों को अपनाने से समाज में सौहार्द और शांति का माहौल स्थापित किया जा सकता है।
अध्यात्मिक दृष्टिकोण
अध्यात्मिक दृष्टिकोण से, श्री राम अमृतवाणी एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो भक्तों को आत्मा की सच्चाई और भगवान की दिव्यता के प्रति जागरूक करता है। इसमें दी गई शिक्षाएँ और उपदेश आत्मिक विकास की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं। यह ग्रंथ ध्यान और साधना के माध्यम से आत्मा की शुद्धि और परमात्मा के मिलन की ओर ले जाने का प्रयास करता है।
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|| श्री राम अमृतवाणी PDF ||
रामामृत पद पावन वाणी,
राम नाम धुन सुधा सामानी,
पावन पाथ राम गन ग्राम,
राम राम जप राम ही राम
परम सत्य परम विज्ञान,
ज्योति स्वरूप राम भगवान,
परमानंद, सर्वशक्तिमान,
राम परम है राम महान
अमृतवाणी नाम उच्चाहरान,
राम राम सुख सिद्धिकारण,
अमृतवानी अमृत श्री नाम,
राम राम मुद मंगल धाम
अमृतरूप राम-गुण गान,
अमृत-कथन राम व्याख्यान,
अमृत-वचन राम की चर्चा,
सुधा सम गीत राम की अर्चा
अमृत मनन राम का जाप,
राम राम प्रभु राम अलाप,
अमृत चिंतन राम का ध्यान,
राम शब्द में सूचि समाधन
अमृत रसना वही कहवा,
राम-राम, जहां नाम सुहावे,
अमृत कर्म नाम कमानी,
राम-राम परम सुखदायी
अमृत राम-नाम जो ही ध्यावे,
अमृत पद सो ही जन पावे,
राम-नाम अमृत-रास सार,
देता परम आनन्द अपार
राम-राम जप हे माणा,
अमृत वाणी मान,
राम-नाम मे राम को,
सदा विराजित जान
राम-नाम मद-मंगलकारी,
विध्ण हरे सब पातक हारी,
राम नाम शुभ-शकुण महान,
स्वस्ती शांति शिवकर कल्याण
राम-राम श्री राम-विचार,
मानी उत्तम मंगलाचार,
राम-राम मन मुख से गाना,
मानो मधुर मनोरथ पाना
राम-नाम जो जन मन लावे,
उसमे शुभ सभी बस जावे,
जहां हो राम-नाम धुन-नाद,
भागे वहा से विषम विषाद
राम-नाम मन-तप्त बुझावे,
सुधा रस सीच शांति ले आवे,
राम-राम जपिये कर भाव,
सुविधा सुविध बने बनाव
राम-नाम सिमरो सदा,
अतिशय मंगल मूल,
विषम विकट संकट हरन,
कारक सब अनुकूल
जपना राम-राम है सुकृत,
राम-नाम है नाशक दुष्कृत,
सिमरे राम-राम ही जो जन,
उसका हो शुचित्र तन-मन
जिसमे राम-नाम शुभ जागे,
उस के पाप-ताप सब भागे,
मन से राम-नाम जो उच्चारे,
उस के भागे भ्रम भय सारे
जिस मन बस जाए राम सुनाम,
होवे वह जन पूर्णकाम,
चित में राम-राम जो सिमरे,
निश्चय भव सागर से तारे
राम-सिमरन होव साहै,
राम-सिमरन है सुखदायी,
राम सिमरन सब से ऊंचा,
राम शक्ति सुख ज्ञान समूचा
राम-राम हे सिमर मन,
राम-राम श्री राम,
राम-राम श्री राम-भज,
राम-राम हरि-नाम
मात पिता बांधव सूत दारा,
धन जन साजन सखा प्यारा,
अंत काल दे सके ना सहारा,
राम-नाम तेरा तारण हारा
सिमरन राम-नाम है संगी,
सखा स्नेही सुहिर्द शुभ अंगी,
यूग-यूग का है राम सहेला,
राम-भगत नहीं रहे अकेला
निर्जन वन विपद हो घोर,
निबर्ध निशा तम सब ओर,
जोत जब राम नाम की जागे,
संकट सर्व सहज से भागे
बाधा बड़ी विषम जब आवे,
वैर विरोध विघ्न बढ़ जावे,
राम नाम जपिये सुख दाता,
सच्चा साथी जो हितकर त्राता
मन जब धैर्य को नहीं पावे,
कुचिन्ता चित्त को चूर बनावे
राम नाम जपे चिंता चूरक,
चिंतामणि चित्त चिंतन पूरक
शोक सागर हो उमड़ा आता,
अति दुःख में मन घबराता,
भजिये राम-राम बहु बार,
जन का करता बेड़ा पार
करधी घरद्धि कठिनतर काल,
कष्ट कठोर हो क्लेश कराल,
राम-राम जपिये प्रतिपाल,
सुख दाता प्रभु दीनदयाल
घटना घोर घटे जिस बेर,
दुर्जन दुखरदे लेवेँ घेर,
जपिये राम-नाम बिन देर,
रखिये राम-राम शुभ टेर
राम-नाम हो सदा सहायक,
राम-नाम सर्व सुखदायक,
राम-राम प्रभु राम की टेक,
शरण शान्ति आश्रय है एक
पूँजी राम-नाम की पाइये,
पाथेय साथ नाम ले जाइये,
नाशे जन्म मरण का खटका,
रहे राम भक्त नहीं अटका
राम-राम श्री राम है,
तीन लोक का नाथ,
परम-पुरुष पावन प्रभु,
सदा का संगी साथ
यज्ञ तप ध्यान योग ही त्याग,
वन कुटी वास अति वैराग,
राम-नाम बिना नीरस फोक,
राम-राम जप तरिये लोक
राम-जाप सब संयम साधन,
राम-जाप है कर्म आराधन,
राम-जाप है परम-अभ्यास,
सिम्रो राम-नाम सुख-रास
राम-जाप कही ऊंची करनी,
बाधा विघ्न बहु दुःख हरनी,
राम-राम महा-मंत्र जपना,
है सुव्रत नेम तप तपना
राम-जाप है सरल समाधि,
हरे सब आधी व्याधि उपाधि,
रिद्धि-सिद्धि और नव-निधान,
डाटा राम है सब सुख-खान
राम-राम चिन्तन सुविचार,
राम-राम जप निश्चय धार,
राम-राम श्री राम-ध्याना,
है परम-पद अमृत पाना
राम-राम श्री राम हरी,
सहज पराम है योग,
राम-राम श्री राम जप,
देता अमृत-भोग
नाम चिंतामणि रत्न अमोल,
राम-नाम महिमा अनमोल,
अतुल प्रभाव अति-प्रताप,
राम-नाम कहा तारक जाप
बीज अक्षर महा-शक्ति-कोष,
राम-राम जप शुभ-संतोष,
राम-राम श्री राम-राम मंत्र,
तंत्र बीज परात्पर यन्त्र
बीजाक्षर पद पद्मा प्रकाशे,
राम-राम जप दोष विनाशे,
कुण्डलिनी बोधे, सुष्मना खोले,
राम मंत्र अमृत रस घोले
उपजे नाद सहज बहु-भांत,
अजपा जाप भीतर हो शांत,
राम-राम पद शक्ति जगावे,
राम-राम धुन जभी रमावे
राम-नाम जब जगे अभंग,
चेतन-भाव जगे सुख संग,
ग्रंथि अविद्या टूटे भारी,
राम-लीला की खिले फुलवारी
पतित-पावन परम-पाठ,
राम-राम जप योग,
सफल सिद्धि कर साधना,
राम-नाम अनुराग
तीन लोक का समझीये सार,
राम-नाम सब ही सुखकार,
राम-नाम की बहुत बरदाई,
वेद पुराण मुनि जन गाई
यति सती साधू संत सयाने,
राम नाम निष्-दिन बखाने,
तापस योगी सिद्ध ऋषिवर,
जाप्ते राम-नाम सब सुखकर
भावना भक्ति भरे भजनीक,
भजते राम-नाम रमणीक,
भजते भक्त भाव-भरपूर,
भ्रम-भय भेद-भाव से दूर
पूर्ण पंडित पुरुष-प्रधान,
पावन-परम पाठ ही मान,
करते राम-राम जप-ध्यान,
सुनते राम अनहद तान
इस में सुरति सुर रमाते,
राम राम स्वर साध समाते,
देव देवीगन दैव विधाता,
राम-राम भजते गनत्राता
राम राम सुगुणी जन गाते,
स्वर-संगीत से राम रिझाते,
कीर्तन-कथा करते विद्वान्,
सार सरस संग साधनवान
मोहक मंत्र अति मधुर,
राम-राम जप ध्यान,
होता तीनो लोक में,
राम-नाम गन-गान
मिथ्या मन-कल्पित मत-जाल,
मिथ्या है मोह-कुमद-बैताल,
मिथ्या मन-मुखिआ मनोराज,
सच्चा है राम-राम जप काज
मिथ्या है वाद-विवाद विरोध,
मिथ्या है वैर निंदा हाथ क्रोध
मिथ्या द्रोह दुर्गुण दुःख कहाँ,
राम-नाम जप सत्य निधान
सत्य-मूलक है रचना साड़ी,
सर्व-सत्य प्रभु-राम पसारि,
बीज से तरु मक्करधी से तार,
हुआ त्यों राम से जग विस्तार
विश्व-वृक्ष का राम है मूल,
उस को तू प्राणी कभी न भूल,
सां-साँस से सीमार सुजान,
राम-राम प्रभु-राम महान
लाया उत्पत्ति पालना-रूप,
शक्ति-चेतना आनंद-स्वरुप,
आदि अन्त और मध्य है राम,
अशरण-शरण है राम-विश्राम
राम-राम जप भाव से,
मेरे अपने आप,
परम-पुरुष पालक-प्रभु,
हर्ता पाप त्रिताप
राम-नाम बिना वृथा विहार,
धन-धान्य सुख-भोग पसार,
वृथा है सब सम्पद सम्मान,
होव तँ यथा रहित प्रान
नाम बिना सब नीरस स्वाद,
ज्योँ हो स्वर बिना राग विषाद,
नाम बिना नहीं साजे सिंगार,
राम-नाम है सब रस सार
जगत का जीवन जानो राम,
जग की ज्योति जाज्वल्यमान,
राम-नाम बिना मोहिनी-माया,
जीवन-हीं यथा तन-छाया
सूना समझीये सब संसार,
जहां नहीं राम-नाम संचार,
सूना जानिये ज्ञान-विवेक,
जिस में राम-नाम नहीं एक
सूने ग्रन्थ पंथ मत पोथे,
बने जो राम-नाम बिन थोथी,
राम-नाम बिन वाद-विचार,
भारी भ्रम का करे प्रचार
राम-नाम दीपक बिना,
जान-मन में अंधेर,
रहे इस से हे मम-मन,
नाम सुमाला फेर
राम-राम भज कर श्री राम,
करिये नित्य ही उत्तम काम,
जितने कर्त्तव्य कर्म कलाप,
करिये राम-राम कर जाप
करिये गमनागम के काल,
राम-जाप जो कर्ता निहाल,
सोते जागते सब दिन याम,
जपिये राम-राम अभिराम
जाप्ते राम-नाम महा माला,
लगता नरक-द्वार पै टाला,
जाप्ते राम-राम जप पाठ,
जलते कर्म बंध यथा काठ
तान जब राम-नाम की तूती,
भांडा-भरा अभाग्य भया फूटे,
मनका है राम-नाम का ऐसा,
चिंता-मणि पारस-मणि जैसा
राम-नाम सुधा-रस सागर,
राम-नाम ज्ञान गुण-अगर,
राम-नाम श्री राम-महाराज,
भाव-सिंधु में है अतुल-जहाज
राम-नाम सब तीर्थ-स्थान,
राम-राम जप परम-स्नान,
धो कर पाप-ताप सब धुल,
कर दे भया-भ्रम को उन्मूल
राम जाप रवि-तेज सामान
महा-मोह-ताम हरे अज्ञान,
राम जाप दे आनंद महान,
मिले उसे जिसे दे भगवान्
राम-नाम को सिमरिये,
राम-राम एक तार,
परम-पाठ पावन-परम,
पतित अधम दे तार
माँगूँ मैं राम-कृपा दिन रात,
राम-कृपा हरे सब उत्पात,
राम-कृपा लेवे अंट सँभाल,
राम-प्रभु है जन प्रतिपाल
राम-कृपा है उच्तर-योग,
राम-कृपा है शुभ संयोग,
राम-कृपा सब साधन-मर्म,
राम-कृपा संयम सत्य धर्म
राम-नाम को मन में बसाना,
सुपथ राम-कृपा का है पाना,
मन में राम-धुन जब फिर,
राम-कृपा तब ही अवतार
रहूँ मैं नाम में हो कर लीं,
जैसे जल में हो मीन अड़ीं,
राम-कृपा भरपूर मैं पाऊँ,
परम प्रभु को भीतर लाऊँ
भक्ति-भाव से भक्त सुजान,
भजते राम-कृपा का निधान,
राम-कृपा उस जान में आवे,
जिस में आप ही राम बसावे
कृपा प्रसाद है राम की देनी,
काल-व्याल जंजाल हर लेनी,
कृपा-प्रसाद सुधा-सुख-स्वाद,
राम-नाम दे रहित विवाद
प्रभु-पसाद शिव-शान्ति-दाता,
ब्रह्म-धाम में आप पहुँचाता,
प्रभु-प्रसाद पावे वह प्राणी,
राम-राम जापे अमृत-वाणी
औषध राम-नाम की खाईये,
मृत्यु जन्म के रोग मिटाइये,
राम-नाम अमृत रस-पान,
देता अमल अचल निर्वाण
राम-राम धुन गूँज से,
भाव-भया जाते भाग,
राम-नाम धुन ध्यान से,
सब शुभ जाते जाग
माँगूँ मैं राम-नाम महादान,
करता निर्धन का कल्याण,
देव-द्वार पर जनम का भूखा,
भक्ति प्रेम अनुराग से रूखा
पर हूँ तेरा-यह लिए टेर,
चरण पारधे की राखियो मेर,
अपना आप विरद-विचार,
दीजिये भगवन! नाम प्यार
राम-नाम ने वे भी तारे,
जो थे अधर्मी-अधम हत्यारे,
कपटी-कुटिल-कुकर्मी अनेक,
तर गए राम-नाम ले एक
तर गए धृति-धारणा हीं,
धर्म-कर्म में जन अति दीन,
राम-राम श्री राम-जप जाप,
हुए अतुल-विमल-अपाप
राम-नाम मन मुख में बोले,
राम-नाम भीतर पट खोले,
राम-नाम से कमल-विकास,
होवें सब साधन सुख-रास
राम-नाम घट भीतर बसे,
सांस-साँस नस-नस से रसे,
सपने में भी न बिसरे नाम,
राम-राम श्री राम-राम-राम
राम-नाम के मेल से,
साध जाते सब-काम,
देव-देव देवी यादा,
दान महा-सुख-धाम
अहो मैं राम-नाम धन पाया,
कान में राम-नाम जब आया,
मुख से राम-नाम जब गाया,
मन से राम-नाम जब ध्याया
पा कर राम-नाम धन-राशि,
घोर-अविद्या विपद विनाशी,
बर्धा जब राम प्रेम का पूर,
संकट-संशय हो गए दूर
राम-नाम जो जापे एक बेर,
उस के भीतर कोष-कुबेर,
दीं-दुखिया-दरिद्र-कंगाल,
राम-राम जप होव निहाल
हृदय राम-नाम से भरिये,
संचय राम-नाम दान करिए,
घाट में नाम मूर्ती धरिये,
पूजा अंतर्मुख हो करिये
आँखें मूँद के सुनिये सितार,
राम-राम सुमधुर झनकार,
उस में मन का मेल मिलाओ,
राम-राम सुर में ही समाओ
जपूँ मैं राम-राम प्रभु राम,
ध्याऊँ मैं राम-राम हरे राम,
सिमरूँ मैं राम-राम प्रभु राम,
गाऊं मैं राम-राम श्री राम
अमृतवाणी का नित्य गाना,
राम-राम मन बीच रमाणा,
देता संकट-विपद निवार,
करता शुभ श्री मंगलाचार
राम-नाम जप पाठ से,
हो अमृत संचार,
राम-धाम में प्रीति हो,
सुगुण-गैन का विस्तार
तारक मंत्र राम है,
जिस का सुफल अपार,
इस मंत्र के जाप से,
निश्चय बने निस्तार
बोलो राम, बोलो राम,
बोलो राम राम राम
श्री राम आरती (Shri Ram Aarti) | राम चालीसा (Ram Chalisa PDF)
|| Shri Ram Amritwani PDF ||
Ramamrit pad pawan wani,
Raam naam dhun sudha saamaanee,
Pawan paath raam gan graam,
Raam raam jap raam hee raam
Param saty param vigyaan,
Jyoti svaroop raam bhagavaan,
Paramaanand, sarvashaktimaan,
Raam param hai raam mahaan
Amritwani naam uchchaaharaan,
Raam raam sukh siddhikaaran,
Amritwani amrt shree naam,
Raam raam mud mangal dhaam
Amrtaroop raam-gun gaan,
Amrt-kathan raam vyaakhyaan,
Amrt-vachan raam kee charcha,
Sudha sam geet raam kee archa
Amrt manan raam ka jaap,
Raam raam prabhu raam alaap,
Amrt chintan raam ka dhyaan,
Raam shabd mein soochi samaadhan
Amrt rasana vahee kahava,
Raam-raam, jahaan naam suhaave,
Amrt karm naam kamaanee,
Raam-raam param sukhadaayee
Amrt raam-naam jo hee dhyaave,
Amrt pad so hee jan paave,
Raam-naam amrt-raas saar,
Deta param aanand apaar
Raam-raam jap he maana,
Amrt wani maan,
Raam-naam me raam ko,
Sada viraajit jaan
Raam-naam mad-mangalakaaree,
Vidhn hare sab paatak haaree,
Raam naam shubh-shakun mahaan,
Svastee shaanti shivakar kalyaan
Raam-raam shree raam-vichaar,
Maanee uttam mangalaachaar,
Raam-raam man mukh se gaana,
Maano madhur manorath paana 0
Raam-naam jo jan man laave,
Usame shubh sabhee bas jaave,
Jahaan ho raam-naam dhun-naad,
Bhaage vaha se visham vishaad
Raam-naam man-tapt bujhaave,
Sudha ras seech shaanti le aave,
Raam-raam japiye kar bhaav,
Suvidha suvidh bane banaav
Raam-naam simaro sada,
Atishay mangal mool,
Visham vikat sankat haran,
Kaarak sab anukool
Japana raam-raam hai sukrt,
Raam-naam hai naashak dushkrt,
Simare raam-raam hee jo jan,
Usaka ho shuchitr tan-man
Jisame raam-naam shubh jaage,
Us ke paap-taap sab bhaage,
Man se raam-naam jo uchchaare,
Us ke bhaage bhram bhay saare
Jis man bas jae raam sunaam,
Hove vah jan poornakaam,
Chit mein raam-raam jo simare,
Nishchay bhav saagar se taare
Raam-simaran hov saahai,
Raam-simaran hai sukhadaayee,
Raam simaran sab se ooncha,
Raam shakti sukh gyaan samoocha
Raam-raam he simar man,
Raam-raam shree raam,
Raam-raam shree raam-bhaj,
Raam-raam hari-naam
Maat pita baandhav soot daara,
Dhan jan saajan sakha pyaara,
Ant kaal de sake na sahaara,
Raam-naam tera taaran haara
Simaran raam-naam hai sangee,
Sakha snehee suhird shubh angee,
Yoog-yoog ka hai raam sahela,
Raam-bhagat nahin rahe akela
Nirjan van vipad ho ghor,
Nibardh nisha tam sab or,
Jot jab raam naam kee jaage,
Sankat sarv sahaj se bhaage
Baadha badee visham jab aave,
Vair virodh vighn badh jaave,
Raam naam japiye sukh daata,
Sachcha saathee jo hitakar traata
Man jab dhairy ko nahin paave,
Kuchinta chitt ko choor banaave
Raam naam jape chinta choorak,
Chintaamani chitt chintan poorak
Shok saagar ho umada aata,
Ati duhkh mein man ghabaraata,
Bhajiye raam-raam bahu baar,
Jan ka karata beda paar
Karadhee gharaddhi kathinatar kaal,
Kasht kathor ho klesh karaal,
Raam-raam japiye pratipaal,
Sukh daata prabhu deenadayaal
Ghatana ghor ghate jis ber,
Durjan dukharade leven gher,
Japiye raam-naam bin der,
Rakhiye raam-raam shubh ter
Raam-naam ho sada sahaayak,
Raam-naam sarv sukhadaayak,
Raam-raam prabhu raam kee tek,
Sharan shaanti aashray hai ek
Poonjee raam-naam kee paiye,
Paathey saath naam le jaiye,
Naashe janm maran ka khataka,
Rahe raam bhakt nahin ataka
Raam-raam shree raam hai,
Teen lok ka naath,
Param-purush pawan prabhu,
Sada ka sangee saath
Yagy tap dhyaan yog hee tyaag,
Van kutee vaas ati vairaag,
Raam-naam bina neeras phok,
Raam-raam jap tariye lok 0
Raam-jaap sab sanyam saadhan,
Raam-jaap hai karm aaraadhan,
Raam-jaap hai param-abhyaas,
Simro raam-naam sukh-raas
Raam-jaap kahee oonchee karanee,
Baadha vighn bahu duhkh haranee,
Raam-raam maha-mantr japana,
Hai suvrat nem tap tapana
Raam-jaap hai saral samaadhi,
Hare sab aadhee vyaadhi upaadhi,
Riddhi-siddhi aur nav-nidhaan,
Daata raam hai sab sukh-khaan
Raam-raam chintan suvichaar,
Raam-raam jap nishchay dhaar,
Raam-raam shree raam-dhyaana,
Hai param-pad amrt paana
Raam-raam shree raam haree,
Sahaj paraam hai yog,
Raam-raam shree raam jap,
Deta amrt-bhog
Naam chintaamani ratn amol,
Raam-naam mahima anamol,
Atul prabhaav ati-prataap,
Naam-naam kaha taarak jaap
Beej akshar maha-shakti-kosh,
Raam-raam jap shubh-santosh,
Raam-raam shree raam-raam mantr,
Tantr beej paraatpar yantr
Beejaakshar pad padma prakaashe,
Raam-raam jap dosh vinaashe,
Kundalinee bodhe, sushmana khole,
Raam mantr amrt ras ghole
Upaje naad sahaj bahu-bhaant,
Ajapa jaap bheetar ho shaant,
Raam-raam pad shakti jagaave,
Raam-raam dhun jabhee ramaave
Raam-naam jab jage abhang,
Chetan-bhaav jage sukh sang,
Granthi avidya toote bhaaree,
Raam-leela kee khile phulavaaree 0
Patit-pawan param-paath,
Raam-raam jap yog,
Saphal siddhi kar saadhana,
Raam-naam anuraag
Teen lok ka samajheeye saar,
Raam-naam sab hee sukhakaar,
Raam-naam kee bahut baradaee,
Ved puraan muni jan gaee
Yati satee saadhoo sant sayaane,
Raam naam nish-din bakhaane,
Taapas yogee siddh rshivar,
Jaapte raam-naam sab sukhakar
Bhaavana bhakti bhare bhajaneek,
Bhajate raam-naam ramaneek,
Bhajate bhakt bhaav-bharapoor,
Bhram-bhay bhed-bhaav se door
Poorn pandit purush-pradhaan,
Pawan-param paath hee maan,
Karate raam-raam jap-dhyaan,
Sunate raam anahad taan
Is mein surati sur ramaate,
Raam raam svar saadh samaate,
Dev deveegan daiv vidhaata,
Raam-raam bhajate ganatraata
Raam raam sugunee jan gaate,
Svar-sangeet se raam rijhaate,
Keertan-katha karate vidvaan,
Saar saras sang saadhanavaan
Mohak mantr ati madhur,
Raam-raam jap dhyaan,
Hota teeno lok mein,
Raam-naam gan-gaan
Mithya man-kalpit mat-jaal,
Mithya hai moh-kumad-baitaal,
Mithya man-mukhia manoraaj,
Sachcha hai raam-raam jap kaaj
Mithya hai vaad-vivaad virodh,
Mithya hai vair ninda haath krodh
Mithya droh durgun duhkh kahaan,
Raam-naam jap saty nidhaan 0
Saty-moolak hai rachana sari,
Sarv-saty prabhu-raam pasaari,
Beej se taru makkaradhee se taar,
Hua tyon raam se jag vistaar
Vishv-vrksh ka raam hai mool,
Us ko too praanee kabhee na bhool,
Saan-saans se seemaar sujaan,
Raam-raam prabhu-raam mahaan
Laaya utpatti paalana-roop,
Shakti-chetana aanand-svarup,
Aadi ant aur madhy hai raam,
Asharan-sharan hai raam-vishraam
Raam-raam jap bhaav se,
Mere apane aap,
Param-purush paalak-prabhu,
Harta paap tritaap
Raam-naam bina vrtha vihaar,
Dhan-dhaany sukh-bhog pasaar,
Vrtha hai sab sampad sammaan,
Hov tan yatha rahit praan
Naam bina sab neeras svaad,
Jyon ho svar bina raag vishaad,
Naam bina nahin saaje singaar,
Raam-naam hai sab ras saar
Jagat ka jeevan jaano raam,
Jag kee jyoti jaajvalyamaan,
Raam-naam bina mohinee-maaya,
Jeevan-heen yatha tan-chhaaya
Soona samajheeye sab sansaar,
Jahaan nahin raam-naam sanchaar,
Soona jaaniye gyaan-vivek,
Jis mein raam-naam nahin ek
Soone granth panth mat pothe,
Bane jo raam-naam bin thothee,
Raam-naam bin vaad-vichaar,
Bhaaree bhram ka kare prachaar
Raam-naam deepak bina,
Jaan-man mein andher,
Rahe is se he mam-man,
Naam sumaala pher 0
Raam-raam bhaj kar shree raam,
Kariye nity hee uttam kaam,
Jitane karttavy karm kalaap,
Kariye raam-raam kar jaap
Kariye gamanaagam ke kaal,
Raam-jaap jo karta nihaal,
Sote jaagate sab din yaam,
Japiye raam-raam abhiraam
Jaapte raam-naam maha maala,
Lagata narak-dvaar pai taala,
Jaapte raam-raam jap paath,
Jalate karm bandh yatha kaath
Taan jab raam-naam kee tootee,
Bhaanda-bhara abhaagy bhaya phoote,
Manaka hai raam-naam ka aisa,
Chinta-mani paaras-mani jaisa
Raam-naam sudha-ras saagar,
Raam-naam gyaan gun-agar,
Raam-naam shree raam-mahaaraaj,
Bhaav-sindhu mein hai atul-jahaaj
Raam-naam sab teerth-sthaan,
Raam-raam jap param-snaan,
Dho kar paap-taap sab dhul,
Kar de bhaya-bhram ko unmool
Raam jaap ravi-tej saamaan
Maha-moh-taam hare agyaan,
Raam jaap de aanand mahaan,
Mile use jise de bhagavaan
Raam-naam ko simariye,
Raam-raam ek taar,
Param-paath pawan-param,
Patit adham de taar
Maangoon main raam-krpa din raat,
Raam-krpa hare sab utpaat,
Raam-krpa leve ant sanbhaal,
Raam-prabhu hai jan pratipaal
Raam-krpa hai uchtar-yog,
Raam-krpa hai shubh sanyog,
Raam-krpa sab saadhan-marm,
Raam-krpa sanyam saty dharm 0
Raam-naam ko man mein basaana,
Supath raam-krpa ka hai paana,
Mann mein raam-dhun jab phir,
Raam-krpa tab hee avataar
Rahoon main naam mein ho kar leen,
Jaise jal mein ho meen adeen,
Raam-krpa bharapoor main paoon,
Param prabhu ko bheetar laoon
Bhakti-bhaav se bhakt sujaan,
Bhajate raam-krpa ka nidhaan,
Raam-krpa us jaan mein aave,
Jis mein aap hee raam basaave
Kripa prasaad hai raam kee denee,
Kaal-vyaal janjaal har lenee,
Kripa-prasaad sudha-sukh-svaad,
Raam-naam de rahit vivaad
Prabhu-pasaad shiv-shaanti-daata,
Brahm-dhaam mein aap pahunchaata,
Prabhu-prasaad paave vah praanee,
Raam-raam jaape amrt-wani
Aushadh raam-naam kee khaeeye,
Mrtyu janm ke rog mitaiye,
Raam-naam amrt ras-paan,
Deta amal achal nirvaan
Raam-raam dhun goonj se,
Bhaav-bhaya jaate bhaag,
Raam-naam dhun dhyaan se,
Sab shubh jaate jaag
Maangoon main raam-naam mahaadaan,
Karata nirdhan ka kalyaan,
Dev-dvaar par janam ka bhookha,
Bhakti prem anuraag se rookha
Par hoon tera-yah lie ter,
Charan paaradhe kee raakhiyo mer,
Apna aap virad-vichaar,
Deejiye bhagavan! naam pyaar
Raam-naam ne ve bhee taare,
Jo the adharmee-adham hatyaare,
Kapatee-kutil-kukarmee anek,
Tar gae raam-naam le ek
Tar gae dhrti-dhaarana heen,
Dharm-karm mein jan ati deen,
Raam-raam shree raam-jap jaap,
Hue atul-vimal-apaap
Raam-naam man mukh mein bole,
Raam-naam bheetar pat khole,
Raam-naam se kamal-vikaas,
Hoven sab saadhan sukh-raas
Raam-naam ghat bheetar base,
Saans-saans nas-nas se rase,
Sapne mein bhee na bisare naam,
Raam-raam shree raam-raam-raam
Raam-naam ke mel se,
Saadh jaate sab-kaam,
Dev-dev devee yaada,
Daan maha-sukh-dhaam
Aho main raam-naam dhan paaya,
Kaan mein raam-naam jab aaya,
Mukh se raam-naam jab gaaya,
Mann se raam-naam jab dhyaaya
Pa kar raam-naam dhan-raashi,
Ghor-avidya vipad vinaashee,
Bardha jab raam prem ka poor,
Sankat-sanshay ho gae door
Raam-naam jo jaape ek ber,
Us ke bheetar kosh-kuber,
Deen-dukhiya-daridr-kangaal,
Raam-raam jap hov nihaal
Hriday raam-naam se bhariye,
Sanchay raam-naam daan karie,
Ghaat mein naam moortee dhariye,
Pooja antarmukh ho kariye
Aankhen moond ke suniye sitaar,
Raam-raam sumadhur jhanakaar,
Us mein man ka mel milao,
Raam-raam sur mein hee samao
Japoon main raam-raam prabhu raam,
Dhyaoon main raam-raam hare raam,
Simaroon main raam-raam prabhu raam,
Gaon main raam-raam shree raam
Amritwani ka nity gaana,
Raam-raam man beech ramaana,
Deta sankat-vipad nivaar,
Karata shubh shree mangalaachaar
Raam-naam jap paath se,
Ho amrt sanchaar,
Raam-dhaam mein preeti ho,
Sugun-gain ka vistaar
Taarak mantr raam hai,
Jis ka suphal apaar,
Is mantr ke jaap se,
Nishchay bane nistaar
Bolo raam, bolo raam,
Bolo raam raam raam
FAQs – श्री राम अमृतवाणी (Shri Ram Amritwani PDF)
श्री राम अमृतवाणी क्या है?
श्री राम अमृतवाणी एक धार्मिक ग्रंथ है जिसमें भगवान श्री राम के जीवन, उनके गुण, उनकी भक्ति की विधि, और उनके उपदेशों का वर्णन किया गया है। यह ग्रंथ भक्तों को श्री राम की उपासना और उनके आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा देता है।
श्री राम अमृतवाणी की रचना किसने की है?
श्री राम अमृतवाणी की रचना संत कवि ने की है जिन्होंने भगवान श्री राम के जीवन और उनकी भक्ति के विभिन्न पहलुओं को इस ग्रंथ में संजोया है।
इस ग्रंथ को पढ़ने से क्या लाभ होता है?
इस ग्रंथ को पढ़ने से भक्तों को भगवान श्री राम की भक्ति और उनके जीवन के आदर्शों को समझने का अवसर मिलता है। यह ग्रंथ जीवन के नैतिक मूल्यों को अपनाने और आत्मिक शांति प्राप्त करने में मदद करता है।
श्री राम अमृतवाणी का भाषा क्या है?
श्री राम अमृतवाणी हिंदी में लिखा गया है। इसकी भाषा सरल और प्रवाहमयी है जिससे इसे पढ़ना और समझना आसान हो जाता है।
क्या श्री राम अमृतवाणी में केवल भक्ति के ही उपदेश हैं?
नहीं, श्री राम अमृतवाणी में भक्ति के साथ-साथ भगवान श्री राम के जीवन की घटनाएँ, उनके गुण, और जीवन के नैतिक मूल्यों पर भी प्रकाश डाला गया है।
क्या यह ग्रंथ केवल धार्मिक उद्देश्यों के लिए है?
हालांकि यह ग्रंथ धार्मिक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है, लेकिन इसके उपदेश और शिक्षाएँ व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में भी लागू होती हैं। यह जीवन की कठिनाइयों का सामना करने और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने में मदद करता है।
क्या श्री राम अमृतवाणी को नियमित रूप से पढ़ना चाहिए?
हाँ, श्री राम अमृतवाणी को नियमित रूप से पढ़ने से भक्तों को भगवान श्री राम की उपासना में निरंतरता और समर्पण मिलता है। इसके नियमित अध्ययन से आत्मिक शांति और भक्ति की भावना में वृद्धि होती है।
क्या इस ग्रंथ की कोई विशेष विधि है पढ़ने की?
इस ग्रंथ को पढ़ते समय ध्यान और श्रद्धा का होना आवश्यक है। इसके पाठ को अपने मन में स्थिरता और एकाग्रता के साथ पढ़ना चाहिए, ताकि भगवान श्री राम के उपदेशों को सही ढंग से समझा जा सके।
क्या श्री राम अमृतवाणी का कोई विशेष संस्करण उपलब्ध है?
श्री राम अमृतवाणी के विभिन्न संस्करण उपलब्ध हो सकते हैं, जो विभिन्न संपादकों द्वारा प्रकाशित किए गए हैं। आपको अपने नजदीकी धार्मिक पुस्तकालय या ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर इसे खोजने की सलाह दी जाती है।
क्या श्री राम अमृतवाणी को बच्चों और नवयुवकों के लिए भी पढ़ना उपयुक्त है?
हाँ, श्री राम अमृतवाणी की सरल भाषा और प्रेरणादायक उपदेश बच्चों और नवयुवकों के लिए भी उपयुक्त हैं। यह ग्रंथ उन्हें नैतिकता, भक्ति, और जीवन के आदर्शों को समझने में मदद कर सकता है।