Thursday, September 19, 2024
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श्री कृष्ण चालीसा (Shri Krishna Chalisa pdf)

श्री कृष्ण चालीसा (Shri Krishna Chalisa Pdf) एक भक्ति काव्य है जो भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। यह चालीसा, भगवान श्री कृष्ण के जीवन, उनके अद्भुत लीलाओं और उनके दिव्य गुणों का वर्णन करती है। इसे पढ़ने और गाने से भक्तों को आंतरिक शांति, भक्ति, और भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।

इस चालीसा के माध्यम से, भक्त भगवान श्री कृष्ण के प्रति अपनी श्रद्धा और प्रेम प्रकट करते हैं। इसमें भगवान के जन्म से लेकर उनके विभिन्न लीलाओं का सुंदर और सरल भाषा में वर्णन किया गया है। श्री कृष्ण चालीसा भक्तों को भगवान श्री कृष्ण के जीवन और शिक्षाओं से प्रेरणा लेने और उनके आदर्शों का अनुसरण करने की प्रेरणा देती है।

इस चालीसा का पाठ विशेष रूप से जन्माष्टमी और अन्य धार्मिक अवसरों पर किया जाता है, जिससे भक्तों को भगवान श्री कृष्ण के दिव्य रूप का स्मरण और उनकी कृपा प्राप्त होती है।


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|| श्री कृष्ण चालीसा ||

बंशी शोभित कर मधुर,
नील जलद तन श्याम ।
अरुण अधर जनु बिम्बफल,
नयन कमल अभिराम ॥

पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख,
पीताम्बर शुभ साज ।
जय मनमोहन मदन छवि,
कृष्णचन्द्र महाराज ॥

जय यदुनन्दन जय जगवन्दन
जय वसुदेव देवकी नन्दन॥

जय यशुदा सुत नन्द दुलारे
जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥

जय नट-नागर नाग नथैया
कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया॥

पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो
आओ दीनन कष्ट निवारो॥

वंशी मधुर अधर धरी टेरौ
होवे पूर्ण मनोरथ मेरौ ॥5॥

आओ हरि पुनि माखन चाखो
आज लाज भक्तान की राखो॥

गोल कपोल, चिबुक अरुणारे
मृदु मुस्कान मोहिनी डारे॥

रंजित राजिव नयन विशाला
मोर मुकुट वैजयंती माला॥

कुण्डल श्रवण पीतपट आछे
कटि किंकणी काछन काछे॥

नील जलज सुन्दर तनु सोहे
छवि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे॥10॥

मस्तक तिलक, अलक घुंघराले
आओ कृष्ण बांसुरी वाले॥

करि पय पान, पुतनहि तारयो
अका बका कागासुर मारयो॥

मधुवन जलत अग्नि जब ज्वाला
भै शीतल, लखितहिं नन्दलाला॥

सुरपति जब ब्रज चढ़यो रिसाई
मसूर धार वारि वर्षाई॥

लगत-लगत ब्रज चहन बहायो
गोवर्धन नखधारि बचायो॥15॥

लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई
मुख महं चौदह भुवन दिखाई॥

दुष्ट कंस अति उधम मचायो
कोटि कमल जब फूल मंगायो॥

नाथि कालियहिं तब तुम लीन्हें
चरणचिन्ह दै निर्भय किन्हें॥

करि गोपिन संग रास विलासा
सबकी पूरण करी अभिलाषा॥

केतिक महा असुर संहारयो
कंसहि केस पकड़ि दै मारयो॥20॥

मात-पिता की बन्दि छुड़ाई
उग्रसेन कहं राज दिलाई॥

महि से मृतक छहों सुत लायो
मातु देवकी शोक मिटायो॥

भौमासुर मुर दैत्य संहारी
लाये षट दश सहसकुमारी॥

दै भीमहिं तृण चीर सहारा
जरासिंधु राक्षस कहं मारा॥

असुर बकासुर आदिक मारयो
भक्तन के तब कष्ट निवारियो॥25॥

दीन सुदामा के दुःख टारयो
तंदुल तीन मूंठ मुख डारयो॥

प्रेम के साग विदुर घर मांगे
दुर्योधन के मेवा त्यागे॥

लखि प्रेम की महिमा भारी
ऐसे श्याम दीन हितकारी॥

भारत के पारथ रथ हांके
लिए चक्र कर नहिं बल ताके॥

निज गीता के ज्ञान सुनाये
भक्तन ह्रदय सुधा वर्षाये॥30॥

मीरा थी ऐसी मतवाली
विष पी गई बजाकर ताली॥

राना भेजा सांप पिटारी
शालिग्राम बने बनवारी॥

निज माया तुम विधिहिं दिखायो
उर ते संशय सकल मिटायो॥

तब शत निन्दा करी तत्काला
जीवन मुक्त भयो शिशुपाला॥

जबहिं द्रौपदी टेर लगाई
दीनानाथ लाज अब जाई॥35॥

तुरतहिं वसन बने ननन्दलाला
बढ़े चीर भै अरि मुँह काला॥

अस नाथ के नाथ कन्हैया
डूबत भंवर बचावत नैया॥

सुन्दरदास आस उर धारी
दयादृष्टि कीजै बनवारी॥

नाथ सकल मम कुमति निवारो।
क्षमहु बेगि अपराध हमारो॥

खोलो पट अब दर्शन दीजै।
बोलो कृष्ण कन्हैया की जै॥40॥

॥ दोहा ॥
यह चालीसा कृष्ण का,पाठ करै उर धारि।
अष्ट सिद्धि नवनिधि फल,लहै पदारथ चारि॥

|| Shri Krishna Chalisa Lyrics ||

Banshi Shobhit Kar Madhur,
Neel Jalad Tan Shyam॥
Arun Adhar Janu Bimbphal,
Nayan Kamal Abhiram॥

Poorn Indra, Aravind Mukh,
Peetambar Shubh Saaj॥
Jai Manmohan Madan Chhavi,
Krishnachandra Maharaj॥

॥ Chaupai॥

Jai Yadunandan Jai Jagavandan
Jai Vasudev Devaki Nandan॥

Jai Yashuda Sut Nand Dulare
Jai Prabhu Bhaktan Ke Drig Tare॥

Jai Nat-Nagar Nag Nathaiya
Krishna Kanhaiya Dhenu Charaiya॥

Puni Nakh Par Prabhu Girivar Dharo
Aao Deenan Kasht Nivaro॥

Vanshi Madhur Adhar Dhari Tero
Hove Purn Manorath Mero ॥5॥

Aao Hari Puni Makhan Chakho
Aaj Laaj Bhaktan Ki Rakho॥

Gol Kapol, Chibuk Arunare
Mridu Muskaan Mohini Dare॥

Ranjit Rajiv Nayan Vishala
Mor Mukut Vaijayanti Mala॥

Kundal Shravan Peetapat Aache
Kati Kinkani Kachan Kache॥

Neel Jalaj Sundar Tanu Sohe
Chhavi Lakhi, Sur Nar Muniman Mohe॥10॥

Mastak Tilak, Alak Ghunghrale
Aao Krishna Bansuri Wale॥

Kari Pay Paan, Putanahi Tarayo
Aka Baka Kagasur Marayo॥

Madhuvan Jalata Agni Jab Jwala
Bhai Sheetal, Lakhitahin Nandalala॥

Surapati Jab Braj Chadayo Risaai
Masoor Dhaar Vari Varshai॥

Lagat-Lagat Braj Chahan Bahayo
Govardhan Nakhdhari Bachayo॥15॥

Lakhi Yasuda Man Bhram Adhikai
Mukh Mahin Chaudah Bhuvan Dikhai॥

Dusht Kans Ati Udham Machayo
Koti Kamal Jab Phool Mangayo॥

Nathi Kaliyahin Tab Tum Leenhen
Charanchinh Dai Nirbhay Kinhhen॥

Kari Gopin Sang Raas Vilasa
Sabki Puran Kari Abhilasha॥

Ketika Maha Asur Sanharayo
Kansahi Kes Pakdi Dai Marayo॥20॥

Maat-Pita Ki Bandi Chhudaai
Ugrasen Kahan Raaj Dilaai॥

Mahi Se Mritak Chhahoon Sut Laayo
Maatu Devaki Shok Mitaayo॥

Bhaumaasur Mur Daitya Sanhaari
Laaye Shat Dash Sahasakumaari॥

Dai Bhimhin Trin Cheer Sahaara
Jaraasindhu Raakshas Kahan Maara॥

Asur Bakasur Adik Maarayo
Bhaktan Ke Tab Kasht Nivaarayo॥25॥

Deen Sudaama Ke Dukh Taarayo
Tandul Teen Moonth Mukh Daarayo॥

Prem Ke Saag Vidur Ghar Maange
Duryodhan Ke Mewa Tyaage॥

Lakhi Prem Ki Mahima Bhaari
Aise Shyaam Deen Hitkaari॥

Bharat Ke Parath Rath Haanke
Liye Chakra Kar Nahin Bal Taanke॥

Nij Geeta Ke Gyaan Sunaaye
Bhaktan Hriday Sudha Varshaaye॥30॥

Meera Thi Aisi Matwaali
Vish Pee Gayi Bajakar Taali॥

Rana Bheja Saamp Pitari
Shaligram Bane Banwari॥

Nij Maya Tum Vidhi Dikhayo
Ur Te Sanshay Sakal Mitayo॥

Tab Shat Ninda Kari Tatkaala
Jeevan Mukt Bhayo Shishupaala॥

Jabahin Draupadi Ter Lagai
Deenanaath Laaj Ab Jai॥35॥

Turatah Vasan Bane Nandlala
Badhe Chheer Bhai Ari Munh Kaala॥

As Naath Ke Naath Kanhaiya
Doobat Bhanvar Bachavat Naiya॥

Sundardas Aas Ur Dhaari
Dayadrishti Kijai Banwari॥

Naath Sakal Mam Kumati Nivaaro
Kshamahu Begi Aparadh Hamaro॥

Kholo Pat Ab Darshan Dijai
Bolo Krishna Kanhaiya Ki Jai॥40॥

॥ Doha 
Yah Chalisa Krishna Ka, Paath Karai Ur Dhaari॥
Asht Siddhi Navnidhi Phal, Lahai Padarath Chari॥


कृष्ण चालीसा के लाभ

श्री कृष्ण चालीसा, जिसे श्री कृष्ण चालीसा के नाम से भी जाना जाता है, एक भक्तिपूर्ण प्रार्थना है जो भगवान श्री कृष्ण की महिमा और उनकी कृपा को व्यक्त करती है। इसे 40 श्लोकों में लिखा गया है और इसका पाठ बहुत से भक्त अपनी पूजा और साधना के समय करते हैं। श्री कृष्ण चालीसा के कई लाभ होते हैं, जो भक्तों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। यहाँ पर श्री कृष्ण चालीसा के लाभों को विस्तार से समझाया गया है:

मन की शांति और मानसिक सुकून

श्री कृष्ण चालीसा का नियमित पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है। भगवान श्री कृष्ण के दिव्य गुणों का ध्यान करते हुए, भक्त अपने मन को शांत और स्थिर महसूस करते हैं। मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में यह बहुत सहायक होता है।

धार्मिक विश्वास और भक्ति में वृद्धि

श्री कृष्ण चालीसा का नियमित पाठ धार्मिक विश्वास को मजबूत करता है। जब भक्त श्री कृष्ण की महिमा का वर्णन सुनते और पढ़ते हैं, तो उनकी भक्ति और विश्वास में वृद्धि होती है। यह भक्ति को प्रेरित करने और भगवान श्री कृष्ण के प्रति प्यार और श्रद्धा को बढ़ाने में मदद करता है।

जीवन में सुख और समृद्धि

श्री कृष्ण चालीसा के पाठ से जीवन में सुख और समृद्धि के मार्ग खुलते हैं। भगवान श्री कृष्ण की कृपा से हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है। यह विशेष रूप से व्यवसाय, शिक्षा, और परिवारिक जीवन में समृद्धि लाने के लिए प्रभावशाली होता है।

विपत्तियों और समस्याओं से उबरने में सहायता

जीवन में आने वाली कठिनाइयों और समस्याओं को हल करने में श्री कृष्ण चालीसा मददगार साबित हो सकती है। भगवान श्री कृष्ण की शक्ति और उनके दिव्य आशीर्वाद से कठिन परिस्थितियों से बाहर निकलने में सहायता मिलती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी होता है जो जीवन में विभिन्न समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार

श्री कृष्ण चालीसा का पाठ मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है, जिससे शारीरिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एक स्वस्थ और शांत मन शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। नियमित रूप से चालीसा का पाठ करने से तनाव कम होता है और व्यक्ति को शारीरिक रूप से भी अच्छा महसूस होता है।

सकारात्मक ऊर्जा का संचार

श्री कृष्ण चालीसा के पाठ से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह वातावरण में सकारात्मकता फैलाने में मदद करता है, जिससे व्यक्ति और उनके परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। सकारात्मक सोच और ऊर्जा के कारण जीवन में खुशहाली और सफलता आती है।

स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपचार

कई भक्त मानते हैं कि श्री कृष्ण चालीसा का पाठ स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में भी सहायक होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण की कृपा से अनेक शारीरिक बीमारियाँ और समस्याएं दूर हो सकती हैं। यह पाठ विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होता है जो स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

समाज और परिवार में प्रेम और harmony

श्री कृष्ण चालीसा के पाठ से समाज और परिवार में प्रेम और harmony स्थापित होती है। भगवान श्री कृष्ण के गुणों और उनके संदेश को समझकर लोग एक-दूसरे के प्रति अधिक समझदारी और प्रेमपूर्ण व्यवहार करते हैं। यह पारिवारिक और सामाजिक संबंधों को मजबूत बनाने में सहायक होता है।

आध्यात्मिक उन्नति और आत्मज्ञान

श्री कृष्ण चालीसा का पाठ आध्यात्मिक उन्नति और आत्मज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है। भक्त जब श्री कृष्ण के दिव्य गुणों और उनके जीवन की घटनाओं का चिंतन करते हैं, तो वे आध्यात्मिक समझ और ज्ञान प्राप्त करते हैं। यह आत्मज्ञान जीवन के उद्देश्य को समझने और आत्मा की वास्तविकता को जानने में सहायक होता है।

समय की पाबंदी और नियमितता में सुधार

श्री कृष्ण चालीसा का नियमित पाठ समय की पाबंदी और नियमितता में सुधार लाता है। भक्त जब एक निश्चित समय पर चालीसा का पाठ करते हैं, तो यह उन्हें नियमितता और अनुशासन सिखाता है। यह समय प्रबंधन की कला को भी बेहतर बनाने में सहायक होता है।

आध्यात्मिक बाधाओं से मुक्ति

श्री कृष्ण चालीसा का पाठ आध्यात्मिक बाधाओं और समस्याओं से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होता है जो आध्यात्मिक उन्नति में रुकावटों का सामना कर रहे हैं। भगवान श्री कृष्ण की कृपा से ये बाधाएँ दूर होती हैं और आध्यात्मिक यात्रा में सुगमता आती है।

संबंधों में सामंजस्य और सुधार

श्री कृष्ण चालीसा का पाठ संबंधों में सामंजस्य और सुधार लाने में भी मदद करता है। जब भक्त भगवान श्री कृष्ण की कृपा को स्वीकार करते हैं, तो उनके संबंधों में प्यार और समझ बढ़ती है। यह विशेष रूप से पारिवारिक और वैवाहिक संबंधों में सुधार लाने में सहायक होता है।

समर्पण और तात्त्विकता में वृद्धि

श्री कृष्ण चालीसा का पाठ समर्पण और तात्त्विकता को बढ़ावा देता है। भक्त जब भगवान श्री कृष्ण की महिमा का चिंतन करते हैं, तो उनके भीतर समर्पण और तात्त्विकता की भावना जागृत होती है। यह आध्यात्मिक जीवन को गहराई प्रदान करने और जीवन के उद्देश्य को समझने में सहायक होता है।

अच्छे कर्मों का फल

श्री कृष्ण चालीसा का पाठ करने से अच्छे कर्मों का फल प्राप्त होता है। भक्त जब भगवान श्री कृष्ण की पूजा और भक्ति करते हैं, तो उनके द्वारा किए गए अच्छे कर्मों का फल उन्हें प्राप्त होता है। यह जीवन में सुख और समृद्धि लाने में सहायक होता है।

धैर्य और संयम में वृद्धि

श्री कृष्ण चालीसा का पाठ धैर्य और संयम को बढ़ावा देता है। जब भक्त भगवान श्री कृष्ण की महिमा का चिंतन करते हैं, तो उन्हें धैर्य और संयम रखने की प्रेरणा मिलती है। यह जीवन में शांति और संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।

दुख और कष्टों से मुक्ति

श्री कृष्ण चालीसा के पाठ से दुख और कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है। भगवान श्री कृष्ण की कृपा से जीवन की कठिनाइयों और दुखों का सामना करना आसान हो जाता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होता है जो जीवन में विभिन्न दुखों का सामना कर रहे हैं।

सच्ची खुशी और संतोष की प्राप्ति

श्री कृष्ण चालीसा का पाठ सच्ची खुशी और संतोष प्राप्त करने में सहायक होता है। भक्त जब भगवान श्री कृष्ण के दिव्य गुणों का चिंतन करते हैं, तो वे आंतरिक खुशी और संतोष की अनुभूति करते हैं। यह जीवन को खुशहाल और संतुलित बनाने में मदद करता है।

पारिवारिक समृद्धि और शांति

श्री कृष्ण चालीसा के पाठ से पारिवारिक समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। भगवान श्री कृष्ण की कृपा से पारिवारिक विवाद और समस्याएँ दूर होती हैं, और परिवार में सुख और शांति बनी रहती है। यह विशेष रूप से उन परिवारों के लिए लाभकारी होता है जो पारिवारिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

धार्मिक अनुष्ठानों में सफलता

श्री कृष्ण चालीसा का पाठ धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा में सफलता प्राप्त करने में सहायक होता है। भक्त जब श्री कृष्ण चालीसा का पाठ करते हैं, तो उन्हें पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों में सफलता प्राप्त होती है। यह धार्मिक कार्यों को सही ढंग से सम्पन्न करने में मदद करता है।

जीवन के उद्देश्य को समझना

श्री कृष्ण चालीसा का पाठ जीवन के उद्देश्य को समझने में मदद करता है। भगवान श्री कृष्ण के दिव्य गुणों और उनके संदेश को समझकर, भक्त अपने जीवन के उद्देश्य को पहचानने और उसे पूरा करने के मार्ग को जान सकते हैं। यह आध्यात्मिक यात्रा को सही दिशा देने में सहायक होता है।

इन लाभों के माध्यम से, श्री कृष्ण चालीसा न केवल एक धार्मिक प्रार्थना है, बल्कि यह जीवन के विभिन्न पहलुओं में सुधार और सकारात्मकता लाने का एक महत्वपूर्ण साधन भी है। भक्तों को नियमित रूप से इस चालीसा का पाठ करके इसके लाभों का अनुभव करना चाहिए और अपनी आध्यात्मिक यात्रा को समृद्ध बनाना चाहिए।

Hemlata
Hemlatahttps://www.chalisa-pdf.com
Ms. Hemlata is a prominent Indian author and spiritual writer known for her contributions to the realm of devotional literature. She is best recognized for her work on the "Chalisa", a series of devotional hymns dedicated to various Hindu deities. Her book, available on Chalisa PDF, has garnered widespread acclaim for its accessible presentation of these spiritual texts.
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