Wednesday, November 20, 2024
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सजा दो घर को गुलशन सा (Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa PDF)

सजा दो घर को गुलशन सा (Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa) एक अत्यंत लोकप्रिय भजन है जो भगवान के प्रति श्रद्धा, प्रेम और समर्पण को दर्शाता है। यह भजन हमें जीवन में भक्ति, सकारात्मकता और आनंद के महत्व को समझाता है। भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं में, भजनों का महत्वपूर्ण स्थान है, और यह विशेष भजन उन आध्यात्मिक अनुभवों और भावनाओं का वर्णन करता है जो भक्तगण अपने इष्टदेव के साथ साझा करते हैं। इस भजन का मूल संदेश है कि जैसे एक बाग में फूल खिलते हैं और वातावरण को सुगंधित करते हैं, वैसे ही हमारे जीवन और घर को भी भगवान की कृपा और आशीर्वाद से सजाया जा सकता है।

इस भजन में घर की तुलना एक गुलशन (बाग) से की गई है, जो प्रतीक है शांति, सुख और समृद्धि का। गुलशन का मतलब केवल भौतिक सुख-सुविधाओं से नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक और मानसिक शांति की भी बात करता है। जब हम अपने घर को भगवान की भक्ति और उनकी उपासना से सजाते हैं, तो वह घर एक पवित्र स्थान बन जाता है। यह भजन हमें यह समझने का अवसर देता है कि केवल भौतिक वस्त्र और सुंदरता ही नहीं, बल्कि भगवान की उपस्थिति ही हमारे जीवन और घर को सचमुच सुंदर बना सकती है।

भजन का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू है परिवार और समाज के बीच सामंजस्य का सन्देश। परिवार और समाज, दोनों को एक ‘गुलशन’ के रूप में सजाने की प्रेरणा देने वाला यह भजन इस बात पर जोर देता है कि जब हम प्रेम, करुणा और विश्वास के साथ अपने परिवार का निर्माण करते हैं, तब वह एक सुंदर बाग़ जैसा हो जाता है। घर की पवित्रता और उसकी सुख-शांति केवल भौतिक सुखों से नहीं, बल्कि उसके सदस्यों के बीच की आपसी समझ, प्यार और भक्ति से होती है।

इस भजन में यह भी बताया गया है कि भगवान की उपस्थिति से ही जीवन का सही अर्थ प्रकट होता है। जब हम भगवान को अपने घर में आमंत्रित करते हैं, तो वह घर केवल ईंट और पत्थरों का बना ढांचा नहीं रह जाता, बल्कि वह एक ऐसा स्थान बन जाता है जहां जीवन की असली खुशियाँ और आंतरिक संतोष प्रकट होते हैं। भगवान की कृपा से घर का हर कोना रोशनी से भर जाता है और उसमें रहने वाले लोग मानसिक शांति और सुख का अनुभव करते हैं।

“सजा दो घर को गुलशन सा” भजन भक्तों को यह संदेश देता है कि उनके जीवन का हर हिस्सा भगवान के साथ जुड़े रहना चाहिए। यह भजन इस बात पर जोर देता है कि भक्ति, प्रेम और समर्पण के बिना जीवन में सच्ची खुशियाँ प्राप्त नहीं की जा सकतीं। भजन हमें याद दिलाता है कि भगवान की आराधना और उनकी सेवा से ही हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकता है।

इस भजन का मधुर संगीत और शब्दावली भी लोगों के हृदय में गहरे असर छोड़ते हैं। इसका गायन सुनते ही मन में एक अद्भुत शांति और प्रेम का अनुभव होता है। यह भजन केवल गाने के लिए नहीं, बल्कि हमारे जीवन की दिशा और सोच को बदलने के लिए भी है। जब हम इस भजन के माध्यम से भगवान को अपने जीवन का हिस्सा बनाते हैं, तब हम न केवल अपने घर को, बल्कि अपने दिल को भी गुलशन सा सजा सकते हैं।

इस प्रकार “सजा दो घर को गुलशन सा” भजन हमें याद दिलाता है कि भक्ति और भगवान का साथ ही जीवन में सच्ची समृद्धि और खुशियों का आधार है।


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|| सजा दो घर को गुलशन सा ||

सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये है,
मेरे सरकार आये है,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गूलशन सा,
मेरे सरकार आये है।।

तर्ज – जगत के रंग में क्या देखु।

पखारो इनके चरणो को,
बहा कर प्रेम की गंगा,
बहा कर प्रेम की गंगा,
बिछा दो अपनी पलको को,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गूलशन सा,
मेरे सरकार आये है।।

उमड़ आई मेरी आँखे,
देख कर अपने बाबा को,
देख कर अपने बाबा को,
हुई रोशन मेरी गलियां,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गूलशन सा,
मेरे सरकार आये है।।

तुम आकर फिर नहीं जाना,
मेरी इस सुनी दुनिया से,
मेरी इस सुनी दुनिया से,
कहूँ हर दम यही सब से,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गूलशन सा,
मेरे सरकार आये है।।

सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये है,
मेरे सरकार आये है,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गूलशन सा,
मेरे सरकार आये है।

|| Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa ||

Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa,
Awadh Mein Ram Aaye Hain,
Awadh Me Ram Aaye Hai,
Mere Sarkar Aaye Hain,
Lage Kutiya Bhi Dulhan Si,
Awadh Me Ram Aaye Hain,
Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa,
Awadh Me Ram Aayen Hain ।

Pakharon Inke Charnon Ko,
Baha Kar Prem Ki Ganga,
Bichha Do Apni Palkon Ko,
Awadh Me Ram Aaye Hain,
Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa,
Awadh Me Ram Aaye Hain ।

Teri Aahat Se Hai Wakif,
Nahin Chehre Ki Hai Darkar,
Bina Dekhen Hi Kah Denge,
Lo Aa Gaye Hai Mere Sarkar,
Lo Aa Gaye Hai Mere Sarkar,
Duaon Ka Hua Hai Asar,
Duaon Ka Hua Hai Asar,
Awadh Me Ram Aaye Hain,
Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa,
Awadh Me Ram Aaye Hain ।

Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa,
Awadh Mein Ram Aaye Hain,
Awadh Me Ram Aaye Hai,
Mere Sarkar Aaye Hain,
Lage Kutiya Bhi Dulhan Si,
Awadh Me Ram Aaye Hain,
Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa,
Awadh Me Ram Aayen Hain ।



“सजा दो घर को गुलशन सा” भजन न केवल भक्तिमय संगीत का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि इसके गहरे भावनात्मक, आध्यात्मिक, और सांस्कृतिक लाभ भी हैं। यह भजन व्यक्तिगत जीवन में भक्ति, शांति, और सामंजस्य लाने के साथ-साथ परिवार और समाज में प्रेम, सौहार्द, और सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार करता है। भारतीय संस्कृति में भजनों का गहरा महत्त्व है और इस भजन के माध्यम से जीवन को निखारने और उसे ईश्वर की कृपा से सुशोभित करने के अनेक लाभ सामने आते हैं।

1. आध्यात्मिक शांति और संतुलन

भक्ति में सबसे महत्वपूर्ण बात है आत्मिक शांति और संतुलन। जब कोई व्यक्ति “सजा दो घर को गुलशन सा” भजन गाता या सुनता है, तो उसके मन में एक अद्भुत शांति और संतोष का अनुभव होता है। इस भजन के शब्द भगवान की भक्ति में समर्पण का संदेश देते हैं, जो व्यक्ति के अंदर की अशांति और तनाव को कम करता है। जीवन के संघर्षों और तनावपूर्ण स्थितियों से बचने के लिए भगवान की शरण में जाना एक आत्मिक यात्रा है, और यह भजन उस यात्रा को सरल और सुगम बनाता है।

भगवान की उपासना से हम अपने मन और आत्मा को सकारात्मक ऊर्जा से भरते हैं। “सजा दो घर को गुलशन सा” में यही भावना प्रकट होती है कि भगवान की कृपा से हमारा जीवन और घर दोनों ही सुन्दर और खुशहाल बन सकते हैं। यह भजन व्यक्ति के भीतर आंतरिक संतुलन लाता है और उसकी आत्मिक उन्नति में सहायक होता है।

2. परिवार और समाज में सौहार्द

यह भजन न केवल व्यक्तिगत जीवन में बल्कि परिवार और समाज में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें परिवार को एक गुलशन के रूप में सजाने की बात की जाती है, जिसका अर्थ है कि परिवार में प्रेम, करुणा, और सामंजस्य होना चाहिए। जब कोई परिवार ईश्वर के प्रति समर्पित होता है, तो वह एक सुदृढ़ और सकारात्मक वातावरण का निर्माण करता है, जहाँ हर सदस्य एक दूसरे की भलाई के लिए सोचता है।

इस भजन का लाभ यह है कि यह परिवार के बीच संबंधों को मजबूत करने में मदद करता है। जब परिवार के सभी सदस्य मिलकर इस भजन का पाठ या गायन करते हैं, तो उनके बीच एकता, सहयोग, और प्रेम की भावना प्रकट होती है। यह भजन परिवार को एकजुट करता है और उन्हें एक साझा उद्देश्य की ओर प्रेरित करता है – ईश्वर की भक्ति और सेवा।

सामाजिक दृष्टिकोण से भी यह भजन अत्यंत लाभकारी है। जब समाज के लोग एक साथ मिलकर भक्ति करते हैं, तो उनमें आपसी समझ और सामंजस्य की भावना बढ़ती है। यह भजन समाज में प्रेम और सौहार्द का संदेश फैलाता है, जिससे समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

3. मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

आधुनिक जीवन की व्यस्तता और तनावपूर्ण परिस्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य का बिगड़ना एक आम समस्या बन गई है। “सजा दो घर को गुलशन सा” भजन मानसिक शांति और आराम प्रदान करता है। इसके गायन और सुनने से व्यक्ति का मन शांत होता है और वह अपनी चिंताओं और तनावों से मुक्त होता है।

भजन सुनने से मन में एकाग्रता और शांति आती है, जो ध्यान और मानसिक स्वास्थ के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह भजन ध्यान साधना के समय सुना या गाया जा सकता है, जिससे व्यक्ति के मन को स्थिरता मिलती है। भजन के शब्द और उसकी धुन में ऐसा आकर्षण होता है जो व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रेरित करता है, और उसकी मानसिक शांति को बनाए रखने में सहायक होता है।

4. भक्ति और धार्मिक परंपराओं का पालन

यह भजन हमें भक्ति और धार्मिक परंपराओं की ओर प्रेरित करता है। भारतीय समाज में धर्म और भक्ति का अत्यंत महत्त्व है और यह भजन उन धार्मिक मान्यताओं को पुनर्जीवित करता है जो हमारे जीवन को सही दिशा में ले जाती हैं। जब हम “सजा दो घर को गुलशन सा” का गायन करते हैं, तो हम भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा और समर्पण को व्यक्त करते हैं।

यह भजन धार्मिक परंपराओं का अनुसरण करने और उन्हें अपने जीवन में आत्मसात करने की प्रेरणा देता है। इसके माध्यम से व्यक्ति अपने धर्म और संस्कृति से जुड़ता है और भगवान की भक्ति में लीन होकर अपने जीवन के लक्ष्य को समझने में सक्षम होता है।

5. सकारात्मक ऊर्जा और वातावरण का निर्माण

“सजा दो घर को गुलशन सा” भजन न केवल व्यक्तिगत जीवन में बल्कि घर और वातावरण में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। भजन गाने और सुनने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो घर के हर कोने को शुद्ध और पवित्र बनाता है। यह भजन इस बात पर जोर देता है कि घर को भगवान की भक्ति और सेवा से सजाना चाहिए, जिससे उसमें शांति, सुख, और समृद्धि का वास हो।

घर में भजन गाने से न केवल घर की ऊर्जा सकारात्मक होती है, बल्कि घर में रहने वाले लोगों के मन और शरीर पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह भजन घर के वातावरण को शांत और पवित्र बनाता है, जिससे परिवार के सभी सदस्य खुशहाल और मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हैं।

6. सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का संरक्षण

यह भजन हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारतीय समाज में भजनों का महत्वपूर्ण स्थान है और यह भजन विशेष रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को संजोने और आगे बढ़ाने में मदद करता है।

जब हम “सजा दो घर को गुलशन सा” का गायन करते हैं या इसे सुनते हैं, तो हम अपनी धार्मिक जड़ों से जुड़ते हैं और अपनी सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान करते हैं। यह भजन आने वाली पीढ़ियों को भी धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों का पालन करने की प्रेरणा देता है।

7. आंतरिक रूपांतरण और आत्म-ज्ञान

भजन का एक अन्य महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह व्यक्ति के भीतर एक आंतरिक रूपांतरण की प्रक्रिया को शुरू करता है। जब व्यक्ति भगवान की भक्ति में लीन होता है, तो वह अपने भीतर की बुराइयों और नकारात्मक भावनाओं से मुक्त होने लगता है।

“सजा दो घर को गुलशन सा” भजन व्यक्ति को अपने जीवन के उद्देश्य को समझने और उसे पूरा करने के लिए प्रेरित करता है। यह भजन आत्म-ज्ञान की ओर ले जाने वाला एक मार्गदर्शक है, जो व्यक्ति को उसकी आंतरिक शक्ति और भगवान के प्रति समर्पण की भावना को जाग्रत करता है। जब व्यक्ति इस भजन को गाता या सुनता है, तो वह अपने भीतर एक गहरा परिवर्तन महसूस करता है, जो उसे आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाता है।

8. संगीत और भक्ति का संगम

इस भजन में संगीत और भक्ति का अद्भुत संगम है। इसके मधुर स्वर और भक्ति-भावना से भरे शब्द व्यक्ति के मन को गहरे तक छूते हैं। संगीत का सकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के मन, शरीर और आत्मा पर पड़ता है और यह भजन उन सभी तत्वों को एक साथ लाकर एक गहरा भक्ति अनुभव प्रदान करता है।

संगीत न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह भक्ति का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है। “सजा दो घर को गुलशन सा” भजन संगीत और भक्ति का एक ऐसा संगम है, जो व्यक्ति को ईश्वर के करीब लाता है और उसे मानसिक शांति और आनंद का अनुभव कराता है।


Hemlata
Hemlatahttps://www.chalisa-pdf.com
Ms. Hemlata is a prominent Indian author and spiritual writer known for her contributions to the realm of devotional literature. She is best recognized for her work on the "Chalisa", a series of devotional hymns dedicated to various Hindu deities. Her book, available on Chalisa PDF, has garnered widespread acclaim for its accessible presentation of these spiritual texts.
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