Monday, September 16, 2024
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श्री लक्ष्मी जी की आरती PDF – Shri Maha Lakshmi Ji Ki Aarti PDF 2024-25

श्री लक्ष्मी जी की आरती – Lakshmi Ji Ki Aarti PDF एक दिव्य धार्मिक ग्रंथ है जो देवी लक्ष्मी की पूजा और आराधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। देवी लक्ष्मी, जो धन, समृद्धि और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं, उनकी आरती का यह PDF विशेष रूप से उन भक्तों के लिए तैयार किया गया है जो अपनी दैनिक पूजा में गहराई और आध्यात्मिकता लाना चाहते हैं। इस PDF में लक्ष्मी जी की आरती के समस्त बोल, उनके अर्थ, और पूजा की विधि का विस्तृत वर्णन किया गया है, जो भक्तों को उनकी पूजा में पूर्णता और शुद्धता प्रदान करता है। आप यहां से लक्ष्मी चालीसा और धन-समृद्धि की कुंजी: कनकधारा स्तोत्र पढ़ सकते हैं!

इस PDF के माध्यम से, भक्तों को लक्ष्मी जी की आरती के सुंदर बोल और उनके साथ जुड़ी धार्मिक महत्वता को समझने का एक सरल और सुलभ तरीका मिलता है। यह दस्तावेज़ न केवल पूजा की प्रक्रिया को आसान बनाता है बल्कि देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद को पाने के लिए सही मार्गदर्शन भी प्रदान करता है। यदि आप अपने पूजा स्थल पर एक नई ऊर्जा और दिव्यता लाना चाहते हैं, तो श्री लक्ष्मी जी की आरती का यह PDF आपकी भक्ति को एक नई दिशा दे सकता है। विनय चालीसा | शनि चालीसा | साईं चालीसा पढ़ने के लिए इनपर क्लिक करें


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  • English

|| आरती माँ लक्ष्मी जी ||

{ॐ जय लक्ष्मी माता}

महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि ।
हरि प्रिये नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥

पद्मालये नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं च सर्वदे ।
सर्वभूत हितार्थाय,
वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥

उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्‍गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥

|| Laxmi Mata Aarti in English ||

{Lakshmi Ji Ki Aarti Lyrics}

Om Jai Lakshmi Mata,Maiya Jai Lakshmi Mata।
Tumako Nishidin Sevat,Hari Vishnu Vidhata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥

Uma Rama Brahmani,Tum Hi Jag-Mata।
Surya-Chandrama DhyavatNaarad Rishi Gata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥

Durga Roop Niranjani,Sukh Sampatti Data।
Jo Koi Tumako Dhyavat,Riddhi-Siddhi Dhan Pata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥

Tum Patal-Nivasini,Tum Hi Shubhdata।
Karma-Prabhav-Prakashini,Bhavanidhi Ki Trata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥

Jis Ghar Mein Tum Rahti,Sab Sadgun Aata।
Sab Sambhav Ho Jata,Man Nahi Ghabrata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥

Tum Bin Yagya Na Hote,Vastra Na Koi Pata।
Khan-Pan Ka Vaibhav,Sab Tumase Aata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥

Shubh-Gun Mandir Sundar,Kshirodadhi-Jata।
Ratna Chaturdash Tum Bin,Koi Nahi Pata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥

Mahalakshmi Ji Ki Aarti,Jo Koi Jan Gata।
Ur Anand Samata,Paap Utar Jata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥



Lakshmi Ji Ki Aarti Lyrics

लक्ष्मी माता जी की आरती के लाभ

लक्ष्मी माता जी की आरती हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण पूजा विधि है, जो देवी लक्ष्मी की आराधना के लिए की जाती है। देवी लक्ष्मी धन, समृद्धि, वैभव और खुशहाली की देवी हैं, और उनकी आरती का नियमित पाठ भक्तों के जीवन में अनेक सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। इस लेख में, हम विस्तार से जानेंगे कि लक्ष्मी माता जी की आरती के क्या-क्या लाभ हो सकते हैं और यह कैसे आपके जीवन को सकारात्मक दिशा दे सकती है।

धन और समृद्धि की प्राप्ति

लक्ष्मी माता जी की आरती करने से सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह धन और समृद्धि की प्राप्ति में सहायक होती है। देवी लक्ष्मी की पूजा से घर में आर्थिक स्थिरता आती है, और व्यवसाय या नौकरी में उन्नति के अवसर बढ़ते हैं। नियमित आरती से लक्ष्मी माता की कृपा से आर्थिक संकटों का समाधान होता है और धन की कमी से छुटकारा मिलता है। जिन व्यक्तियों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, वे इस आरती को श्रद्धा भाव से पढ़कर अपने जीवन में आर्थिक सुख प्राप्त कर सकते हैं।

मानसिक शांति और संतुलन

लक्ष्मी माता की आरती का एक और महत्वपूर्ण लाभ है मानसिक शांति और संतुलन की प्राप्ति। पूजा के दौरान मंत्रों और आरती के बोलों का जाप मन को शांत करता है और मानसिक तनाव को कम करता है। आरती के समय वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो मानसिक स्थिरता और शांति प्रदान करता है। मानसिक शांति से जीवन में सुख और संतुलन बना रहता है, जो व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य और खुशी के लिए लाभकारी होता है।

सुख और सौभाग्य की वृद्धि

लक्ष्मी माता की आरती से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। जब भक्त पूरे मनोयोग से आरती करते हैं, तो देवी लक्ष्मी उनकी दुआओं को सुनती हैं और उनके जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य लाने का प्रयास करती हैं। यह आरती न केवल व्यक्तिगत जीवन में बल्कि परिवार और समाज में भी सुख और सौभाग्य की वृद्धि करती है। आरती के माध्यम से व्यक्ति अपने घर में सुख-शांति और समृद्धि का अनुभव कर सकता है।

संकट और परेशानियों से मुक्ति

लक्ष्मी माता की आरती संकट और परेशानियों से मुक्ति दिलाने में सहायक होती है। जब कोई व्यक्ति नियमित रूप से लक्ष्मी माता की आरती करता है, तो देवी की कृपा से जीवन की समस्याएं और संकट दूर हो जाते हैं। देवी लक्ष्मी की आरती संकट के समय मनोबल को ऊंचा बनाए रखती है और कठिन परिस्थितियों से उबरने में मदद करती है। यह आरती व्यक्तिगत, पारिवारिक और व्यवसायिक जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान करती है।

आध्यात्मिक उन्नति

लक्ष्मी माता की आरती आध्यात्मिक उन्नति का भी एक महत्वपूर्ण साधन है। आरती के दौरान मंत्रों का जाप और पूजा की विधि भक्त की आध्यात्मिक यात्रा को प्रगति देती है। यह भक्तों को मानसिक और आत्मिक स्तर पर उन्नति प्राप्त करने में मदद करती है। देवी लक्ष्मी की आराधना से आत्मा को शांति और उच्चतर चेतना का अनुभव होता है, जिससे आध्यात्मिक विकास की दिशा में कदम बढ़ाते हैं।

परिवार में खुशहाली

लक्ष्मी माता की आरती करने से परिवार में खुशहाली और समर्पण बढ़ता है। जब परिवार के सभी सदस्य मिलकर देवी लक्ष्मी की आरती करते हैं, तो परिवार में प्रेम, एकता और समझदारी की भावना बढ़ती है। यह आरती परिवार की एकता और सामंजस्य को बनाए रखने में सहायक होती है। खुशहाल और समर्पित परिवार जीवन को और भी सुखमय और संतोषजनक बनाता है।

धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्य

लक्ष्मी माता की आरती से धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों की भी वृद्धि होती है। यह आरती हिंदू धर्म की सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे पूजा और श्रद्धा के साथ करना आवश्यक है। आरती करने से धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक परंपराओं की प्रतिष्ठा बनी रहती है, जो व्यक्ति को अपनी धार्मिक पहचान और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ती है।

स्वास्थ्य और समृद्धि

लक्ष्मी माता की आरती से स्वास्थ्य और समृद्धि में भी सुधार होता है। यह आरती स्वास्थ्य को बनाए रखने और बीमारियों से बचाव में सहायक होती है। देवी लक्ष्मी की कृपा से शरीर और मन स्वस्थ रहते हैं, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। आरती के नियमित पाठ से शरीर में ऊर्जा और शक्ति का संचार होता है, जो स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

उपसंहार

लक्ष्मी माता जी की आरती के कई लाभ होते हैं जो भक्तों के जीवन को सकारात्मक दिशा देते हैं। यह आरती न केवल धन और समृद्धि की प्राप्ति में सहायक होती है, बल्कि मानसिक शांति, सुख, सौभाग्य, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। नियमित आरती से जीवन की समस्याओं और संकटों से मुक्ति मिलती है और परिवार में खुशहाली बनी रहती है। इस प्रकार, लक्ष्मी माता की आरती एक सम्पूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है जो जीवन को समृद्ध और संतुलित बनाता है।


लक्ष्मी जी की आरती कैसे की जाती है?

लक्ष्मी जी की आरती एक पवित्र धार्मिक अनुष्ठान है जिसे श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाता है। आरती करने के लिए सबसे पहले, पूजा स्थल को स्वच्छ करें और वहां एक सुंदर आसन बिछाएं। लक्ष्मी माता की तस्वीर या मूर्ति को पूजा स्थल पर स्थापित करें। फिर, दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें। आरती के दौरान, दीपक को चारों ओर घुमाते हुए देवी लक्ष्मी के सामने रखें।

ध्यान रखें कि दीपक और धूप को एकत्र करके ही आरती की जाती है, जिससे देवी लक्ष्मी के प्रति सम्मान प्रकट होता है। आरती के समय, भक्तगण अपने हृदय से देवी लक्ष्मी की महिमा गाते हैं और उनके कृपा की प्रार्थना करते हैं। आरती के दौरान देवी लक्ष्मी के मंत्रों और श्लोकों का जाप करना चाहिए। पूजा समाप्त होने के बाद, देवी लक्ष्मी को भोग अर्पित करें और आरती का प्रसाद सभी को वितरित करें। इस प्रकार, आरती के समय शांतिपूर्ण वातावरण बनाए रखें और समर्पण के साथ पूजा करें, ताकि देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त हो सके।

लक्ष्मी जी का प्रिय मंत्र कौन सा है?

लक्ष्मी जी का प्रिय मंत्र उनकी पूजा और आराधना में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लक्ष्मी माता के कई मंत्र हैं, लेकिन सबसे प्रिय और प्रभावशाली मंत्र “ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः” है। यह मंत्र देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है। इस मंत्र का जाप नियमित रूप से करने से जीवन में धन, समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है। मंत्र का जाप करने से देवी लक्ष्मी की आशीर्वाद से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और हर संकट से मुक्ति मिलती है।

इस मंत्र का जाप विशेष रूप से लक्ष्मी पूजा और आरती के समय किया जाता है। इसे उच्च स्वर में और श्रद्धा के साथ जाप करने से मन की शांति और संतुलन भी बना रहता है। इसके अतिरिक्त, “श्री लक्ष्मी अष्टाक्षरी मंत्र” भी अत्यंत प्रिय है, जिसे “ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः” के साथ पढ़ा जाता है। इस प्रकार, लक्ष्मी जी के प्रिय मंत्रों का जाप नियमित रूप से करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

क्या दिवाली पर लक्ष्मी माता की आरती करनी चाहिए?

दिवाली पर लक्ष्मी माता की आरती करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, देवी लक्ष्मी के आगमन का त्योहार है, और इस दिन उनकी पूजा और आराधना विशेष महत्व रखती है। दिवाली के दिन, घरों में दीप जलाए जाते हैं और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है ताकि उनके आशीर्वाद से घर में सुख-समृद्धि और वैभव की प्राप्ति हो सके। दिवाली की रात लक्ष्मी माता की आरती विशेष रूप से की जाती है, जिसमें परिवार के सभी सदस्य मिलकर देवी लक्ष्मी की आरती करते हैं।

इस दिन आरती के दौरान लक्ष्मी माता के मंत्रों का जाप और पूजा की विधि पूरी श्रद्धा से करनी चाहिए। दिवाली की रात, लक्ष्मी माता को विशेष भोग अर्पित करें और उनके चरणों में दीपक रखें। इससे देवी लक्ष्मी आपके घर में आकर समृद्धि और खुशहाली का आगमन करेंगी। इस प्रकार, दिवाली पर लक्ष्मी माता की आरती करना न केवल धार्मिक बल्कि शुभ संकेत भी होता है जो घर में सुख और समृद्धि का वास लाता है।

लक्ष्मी की बेटी का क्या नाम है?

लक्ष्मी की बेटी का नाम संतोषी माता है। संतोषी माता, जो देवी लक्ष्मी की पुत्री मानी जाती हैं, को संतोष और सुख की देवी के रूप में पूजा जाता है। उनकी पूजा विशेष रूप से मंगलवार और शुक्रवार को की जाती है। संतोषी माता के पूजन से जीवन में सुख, संतोष और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

भक्तगण संतोषी माता की पूजा करते समय विशेष व्रत और उपवासन करते हैं। संतोषी माता की पूजा का उद्देश्य जीवन में शांति, संतोष और सुख की प्राप्ति करना होता है। इस प्रकार, लक्ष्मी माता की पुत्री संतोषी माता की पूजा से मनोकामनाओं की पूर्ति और जीवन में सुख-शांति का अहसास होता है।

लक्ष्मी पूजा में क्या क्या चढ़ाया जाता है?

लक्ष्मी पूजा में कई प्रकार की वस्तुएं अर्पित की जाती हैं जो देवी लक्ष्मी को प्रिय होती हैं। पूजा के दौरान, पंखा, दीपक, धूप और मिठाई अर्पित की जाती है। इसके अतिरिक्त, फल, नारियल, सुपारी, साखर (चीनी), दूध और घी भी चढ़ाए जाते हैं। इन वस्तुओं को देवी लक्ष्मी के समक्ष अर्पित करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है।

पूजा के समय, देवी लक्ष्मी को विशेष भोग अर्पित करने से उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है और घर में समृद्धि का आगमन होता है। पूजा के बाद, चढ़ाए गए भोग को भक्तों में वितरित किया जाता है और प्रसाद के रूप में सेवन किया जाता है। इस प्रकार, लक्ष्मी पूजा में अर्पित की जाने वाली वस्तुएं विशेष धार्मिक महत्व रखती हैं और इनसे देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त की जा सकती है।

सुबह की आरती कैसे करें?

सुबह की आरती करने का विशेष महत्व है क्योंकि यह दिन की शुरुआत को पवित्र और शुभ बनाता है। सुबह की आरती करने के लिए सबसे पहले, पूजा स्थल को स्वच्छ करें और वहां एक आसन बिछाएं। लक्ष्मी माता की तस्वीर या मूर्ति को पूजा स्थल पर स्थापित करें। फिर, दीपक और धूप जलाएं।

दीपक को चारों ओर घुमाते हुए देवी लक्ष्मी के सामने रखें और आरती के गीत गाएं। आरती के दौरान, श्रद्धा और भक्ति के साथ देवी लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। इसके बाद, देवी को भोग अर्पित करें, जिसमें फल, मिठाई, और अन्य पवित्र वस्तुएं शामिल हो सकती हैं। पूजा समाप्त करने के बाद, आरती का प्रसाद सभी को वितरित करें और अपनी दिन की शुरुआत को पवित्र और शुभ बनाएं। सुबह की आरती से दिनभर सकारात्मक ऊर्जा और शांति बनी रहती है।

Hemlata
Hemlatahttps://www.chalisa-pdf.com
Ms. Hemlata is a prominent Indian author and spiritual writer known for her contributions to the realm of devotional literature. She is best recognized for her work on the "Chalisa", a series of devotional hymns dedicated to various Hindu deities. Her book, available on Chalisa PDF, has garnered widespread acclaim for its accessible presentation of these spiritual texts.
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