Monday, September 16, 2024
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जरा इतना बता दे कान्हा (Jara Itna Bata De Kanha Lyrics 2024)

भजन जरा इतना बता दे कान्हा (Jara Itna Bata De Kanha) एक ऐसा आध्यात्मिक गीत है जो श्रोताओं के हृदय में भगवान श्रीकृष्ण के प्रति गहरी भक्ति और प्रेम की भावना को जाग्रत करता है। यह भजन उनके जीवन के विविध पहलुओं को स्पर्श करता है और उनके साथ जुड़ी विभिन्न कथाओं और लीलाओं का स्मरण कराता है। इस भजन में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े कई प्रसंगों का उल्लेख किया गया है, जो उनके बाल रूप, युवा अवस्था और उनकी लीलाओं को लेकर है।

“जरा इतना बता दे कान्हा” भजन की शुरुआत भगवान श्रीकृष्ण से एक विनम्र प्रश्न के साथ होती है, जिसमें भक्त उनसे अपने जीवन के रहस्यों और सत्य का अनावरण करने की प्रार्थना करता है। यह भजन भक्त और भगवान के बीच के अंतरंग संबंध को दर्शाता है, जहां भक्त अपने सभी संदेहों, चिंताओं और शंकाओं को भगवान के समक्ष प्रस्तुत करता है।

इस भजन के माध्यम से, श्रोता को भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप, उनकी माखन चोरी की लीला, गोपियों के साथ उनके प्रेमपूर्ण संबंध, और महाभारत में अर्जुन के सारथी के रूप में उनके महत्वपूर्ण भूमिका का अनुभव होता है। भजन का हर शब्द और पंक्ति भगवान की महिमा और उनके दिव्य रूप को उजागर करता है, जिससे श्रोता का मन श्रद्धा और भक्ति से भर जाता है।

“जरा इतना बता दे कान्हा” भजन की मुख्य थीम भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के उन पहलुओं को समझना है जो हमारे जीवन को दिशा प्रदान कर सकते हैं। भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं में निहित गहरे संदेशों को समझने के लिए यह भजन एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है। इसमें भक्त भगवान से यह जानना चाहता है कि जीवन में सही मार्ग क्या है और किस प्रकार उनके आदर्शों का पालन करके जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है।

यह भजन उस प्रेम को भी व्यक्त करता है जो भक्त भगवान के प्रति अनुभव करता है। भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं प्रेम और करुणा से भरी हुई हैं, और यह भजन उन लीलाओं का स्मरण कराते हुए भक्त को भगवान के निकट लाता है। इस भजन के शब्द भगवान की अनन्त करुणा, प्रेम, और उनकी अद्वितीय लीलाओं का वर्णन करते हैं, जो श्रोता को आत्मिक शांति और भक्ति की अनुभूति कराते हैं।

“जरा इतना बता दे कान्हा” भजन का संगीत भी अत्यधिक मधुर और सुमधुर है, जो श्रोता को भगवान की भक्ति में लीन कर देता है। इस भजन के गायन में एक सरलता और मासूमियत है, जो भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप और उनकी लीलाओं का स्मरण कराती है। इस भजन को सुनते हुए, श्रोता को ऐसा प्रतीत होता है जैसे वह स्वयं भगवान श्रीकृष्ण से संवाद कर रहा हो और उनके जीवन के रहस्यों को समझने का प्रयास कर रहा हो।

यह भजन न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक गहरा दार्शनिक संदेश भी प्रदान करता है। यह भजन हमें यह सिखाता है कि जीवन के हर क्षण में भगवान की महिमा और उनकी लीलाओं का स्मरण करना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें सिखाता है कि हमें किस प्रकार अपने जीवन को प्रेम, करुणा, और सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए।

अंततः, “जरा इतना बता दे कान्हा” भजन एक ऐसा माध्यम है जो भक्त को भगवान श्रीकृष्ण के साथ एक गहरे और अर्थपूर्ण संबंध में बांधता है। यह भजन भक्त के हृदय में भगवान के प्रति अनन्त प्रेम और श्रद्धा को जागृत करता है और उसे उनके दिव्य मार्गदर्शन का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करता है।



  • हिंदी
  • English

|| जरा इतना बता दे कान्हा ||

जरा इतना बता दे कान्हा,
कि तेरा रंग काला क्यों ।
श्लोक- श्याम का काला बदन,
और श्याम घटा से काला,
शाम होते ही,
गजब कर गया मुरली वाला ॥

जरा इतना बता दे कान्हा,
कि तेरा रंग काला क्यों,
तु काला होकर भी जग से,
इतना निराला क्यों ॥

मैंने काली रात में जन्म लिया,
और काली गाय का दूध पीया,
कजरे का रंग भी काला,
कमली का रंग भी काला,
इसी लिए मै काला ॥

सखी रोज़ ही घर में बुलाती है,
और माखन बहुत खिलाती है,
सखिओं का दिल भी काला,
इसी लिए मै काला ॥

मैंने काले नाग पर नाच किया,
और काले नाग को नाथ लिया,
नागों का रंग भी काला,
यमुना का रंग भी काला,
इसी लिए मै काला ॥

सावन में बिजली कड़कती है,
बादल भी बहुत बरसतें है,
बादल का रंग भी काला,
बिजली का रंग भी काला,
इसी लिए मै काला ॥

सखी नयनों में कजरा लगाती है,
और नयनों में मुझे बिठाती है,
कजरे का रंग भी काला,
नयनों का रंग भी काला,
इसी लिए मै काला ॥

जरा इतना बता दें कान्हा,
कि तेरा रंग काला क्यों,
तु काला होकर भी जग से,
इतना निराला क्यों ॥


|| Jara Itna Bata De Kanha Lyrics English ||

Jara Itna Bata De Kanha,
Ki Tera Rang Kala Kyon ।
Shlok- Shyam Ka Kala Badan,
Aur Shyam Ghata Se Kala,
Shaam Hote Hi,
Gajab Kar Gaya Murli Wala ॥

Jara Itna Bata De Kanha,
Ki Tera Rang Kala Kyon,
Tu Kala Hokar Bhi Jag Se,
Itna Nirala Kyon ॥

Mainne Kali Raat Mein Janm Liya,
Aur Kali Gaay Ka Doodh Peeya,
Kajre Ka Rang Bhi Kala,
Kamli Ka Rang Bhi Kala,
Isi Liye Mai Kala ॥

Sakhi Roz Hi Ghar Mein Bulati Hai,
Aur Makhan Bahut Khilati Hai,
Sakhion Ka Dil Bhi Kala,
Isi Liye Mai Kala ॥

Mainne Kale Nag Par Nach Kiya,
Aur Kale Nag Ko Nath Liya,
Nagon Ka Rang Bhi Kala,
Yamuna Ka Rang Bhi Kala,
Isi Liye Mai Kala ॥

Sawan Mein Bijli Kadakti Hai,
Badal Bhi Bahut Barasaten Hai,
Badal Ka Rang Bhi Kala,
Bijli Ka Rang Bhi Kala,
Isee Lie Mai Kala ॥

Sakhi Nainon Mein Kajra Lagati Hai,
Aur Nainon Mein Mujhe Bithati Hai,
Kajre Ka Rang Bhi Kala,
Nainon Ka Rang Bhi Kala,
Isi Liye Mai Kala ॥

Jara Itna Bata Den Kanha,
Ki Tera Rang Kala Kyon,
Tu Kala Hokar Bhi Jag Se,
Itna Nirala Kyon ॥


भजन “जरा इतना बता दे कान्हा” न केवल एक आध्यात्मिक गीत है, बल्कि यह एक ऐसा माध्यम भी है जो भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में समर्पित करता है और जीवन के गहरे रहस्यों की खोज में मदद करता है। इस भजन के माध्यम से भक्तों को कई लाभ प्राप्त होते हैं, जो उनकी आध्यात्मिक यात्रा को संपूर्ण और सार्थक बनाते हैं। इस लेख में, हम इस भजन के विभिन्न लाभों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

1. आध्यात्मिक उन्नति

भजन “जरा इतना बता दे कान्हा” की नियमित सुनवाई और गायन से भक्तों की आध्यात्मिक उन्नति होती है। इस भजन में भगवान श्रीकृष्ण की दिव्यता और उनके जीवन की विभिन्न लीलाओं का वर्णन किया गया है, जो भक्तों के मन को शांति और संतोष प्रदान करता है। जब भक्त इस भजन को गाते या सुनते हैं, तो वे भगवान के साथ एक गहरे आध्यात्मिक संबंध में जुड़ते हैं, जिससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वे जीवन के उद्देश्य को समझने में सक्षम होते हैं।

मानसिक शांति

भजन का नियमित पाठ और श्रवण मानसिक शांति प्रदान करता है। जीवन की भागदौड़ और तनावपूर्ण परिस्थितियों में, जब भक्त इस भजन को सुनते हैं, तो उनका मन शांत हो जाता है और उन्हें मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है। भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का स्मरण करने से मन को सुख और राहत मिलती है, जिससे मानसिक तनाव और चिंता कम होती है।

आध्यात्मिक जागरूकता

भजन “जरा इतना बता दे कान्हा” भक्तों को आध्यात्मिक जागरूकता प्रदान करता है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण की जीवन की गहराई और उनकी शिक्षाओं का वर्णन है, जो भक्तों को जीवन के वास्तविक अर्थ को समझने में मदद करता है। यह भजन भक्तों को उनकी आध्यात्मिक यात्रा में मार्गदर्शन करता है और उन्हें ईश्वर के वास्तविक स्वरूप को जानने के लिए प्रेरित करता है।

भावनात्मक सशक्तिकरण

इस भजन का गायन और सुनना भक्तों को भावनात्मक रूप से सशक्त बनाता है। भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं की कथा सुनने से भक्तों के भीतर एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो उन्हें जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की ताकत प्रदान करता है। यह भजन उन्हें आत्म-संयम, धैर्य और साहस की भावना से भर देता है।

भक्ति की गहराई

“जरा इतना बता दे कान्हा” भजन भक्ति की गहराई को समझने और अनुभव करने का एक माध्यम है। इस भजन के माध्यम से भक्त भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपनी गहरी भक्ति और प्रेम को व्यक्त करते हैं। यह भजन भक्तों के हृदय में भगवान के प्रति अपार प्रेम और समर्पण को जगाता है, जिससे उनकी भक्ति और भी मजबूत होती है।

सामाजिक संबंधों में सुधार

भजन की गायन और श्रवण की प्रक्रिया में परिवार और समुदाय के साथ संबंधों को सुधारने में मदद मिलती है। जब लोग मिलकर इस भजन का गायन करते हैं, तो यह एक सामूहिक भक्ति का अनुभव उत्पन्न करता है, जिससे सामंजस्य और भाईचारे की भावना मजबूत होती है। यह सामाजिक संबंधों को सुधारने और एकता को बढ़ावा देने में सहायक होता है।

धार्मिक शिक्षा

इस भजन के माध्यम से भक्तों को धार्मिक शिक्षा प्राप्त होती है। भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने से भक्तों को धर्म और आध्यात्मिकता के गहरे अर्थों को जानने में मदद मिलती है। यह भजन धार्मिक शिक्षा का एक महत्वपूर्ण साधन है जो भक्तों को धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।

आध्यात्मिक ध्यान में सहायता

भजन “जरा इतना बता दे कान्हा” ध्यान और साधना की प्रक्रिया में भी सहायता करता है। जब भक्त इस भजन को सुनते हैं या गाते हैं, तो उनका मन भगवान श्रीकृष्ण की छवि में लीन हो जाता है, जिससे ध्यान की स्थिति में प्रवेश करना आसान होता है। यह भजन ध्यान की गहराई को बढ़ाता है और ध्यान के अनुभव को अधिक सजीव बनाता है।

आत्मिक शांति की प्राप्ति

भजन के नियमित पाठ से आत्मिक शांति प्राप्त होती है। भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य उपस्थिति और उनके लीलाओं का स्मरण करने से आत्मा को शांति और संतोष की अनुभूति होती है। यह भजन आंतरिक शांति और संतुलन को बनाए रखने में सहायक होता है, जिससे जीवन की चुनौतियों का सामना करना आसान हो जाता है।

प्रेरणा और प्रेरणादायक शक्ति

भजन “जरा इतना बता दे कान्हा” प्रेरणा और प्रेरणादायक शक्ति का स्रोत है। इस भजन के माध्यम से भक्तों को जीवन में सच्चे उद्देश्य की प्राप्ति के लिए प्रेरित किया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण के जीवन की कहानियाँ और उनकी शिक्षाएँ भक्तों को अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने और कठिनाइयों को पार करने की प्रेरणा देती हैं।

सकारात्मक सोच की वृद्धि

भजन सुनने और गाने से सकारात्मक सोच को प्रोत्साहन मिलता है। भगवान श्रीकृष्ण की दिव्यता और उनकी लीलाओं की कथा से भक्तों के मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं। यह भजन नकारात्मक सोच को दूर करने और जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने में मदद करता है।

आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति

इस भजन के माध्यम से भक्तों को आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त होता है। भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और उनके जीवन की गहराई को समझने से भक्तों को जीवन के गहरे रहस्यों का ज्ञान मिलता है। यह भजन भक्तों को आध्यात्मिकता की गहराई में ले जाकर उन्हें जीवन के वास्तविक उद्देश्य को समझने में मदद करता है।

सकारात्मक ऊर्जा का संचार

भजन के गायन और श्रवण से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। भगवान श्रीकृष्ण की उपस्थिति और उनके दिव्य गुणों का स्मरण करने से भक्तों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह का संचार होता है। यह भजन जीवन की चुनौतियों को सामना करने की शक्ति प्रदान करता है और एक सकारात्मक दृष्टिकोण को बनाए रखने में मदद करता है।

आध्यात्मिक मार्गदर्शन

भजन “जरा इतना बता दे कान्हा” भक्तों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करता है। भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करने से भक्तों को जीवन की कठिनाइयों का समाधान ढूंढ़ने में सहायता मिलती है। यह भजन आध्यात्मिक मार्ग पर चलने और सच्चे मार्गदर्शन की प्राप्ति में सहायक होता है।

संगीत की आनंददायकता

भजन का संगीत भी अत्यधिक आनंददायक होता है। इसकी मधुर धुन और भावपूर्ण गायन से भक्तों के हृदय को एक गहरी संतुष्टि और आनंद की अनुभूति होती है। संगीत का आनंद और उसकी लय भक्ति के अनुभव को और भी संजीवनी बनाती है।

आध्यात्मिक प्रगति का साधन

भजन “जरा इतना बता दे कान्हा” आध्यात्मिक प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है। इसके माध्यम से भक्त भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपनी भक्ति को गहरा करते हैं और अपनी आध्यात्मिक यात्रा को आगे बढ़ाते हैं। यह भजन आध्यात्मिक प्रगति के मार्ग पर चलने में मदद करता है और भक्तों को आत्मिक उन्नति की ओर प्रेरित करता है।

जीवन के उद्देश्य की पहचान

भजन के माध्यम से भक्त जीवन के उद्देश्य की पहचान करने में सक्षम होते हैं। भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और उनकी शिक्षाओं की गहराई को समझने से भक्तों को जीवन का वास्तविक उद्देश्य और दिशा मिलती है। यह भजन जीवन के सत्य और उद्देश्य को जानने में सहायता करता है।

सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन

भजन “जरा इतना बता दे कान्हा” सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षाएँ और उनकी लीलाओं का स्मरण करने से व्यक्ति अपने सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बनाए रखता है और जीवन को बेहतर ढंग से जीने की कला सीखता है।

आध्यात्मिक प्रसन्नता

इस भजन को गाने और सुनने से आध्यात्मिक प्रसन्नता प्राप्त होती है। भगवान श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति और प्रेम की भावना से भक्तों के हृदय में एक आनंद और प्रसन्नता का संचार होता है। यह भजन भक्तों को आध्यात्मिक खुशी और संतोष की अनुभूति कराता है।

आध्यात्मिक समर्पण

भजन “जरा इतना बता दे कान्हा” भक्तों में आध्यात्मिक समर्पण की भावना को प्रबल करता है। भगवान श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति और प्रेम से भक्त अपने जीवन को भगवान के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित कर देते हैं। यह भजन भक्तों को समर्पण की गहराई को समझने और अनुभव करने में मदद करता है।

भजन “जरा इतना बता दे कान्हा” के ये लाभ न केवल भक्तों की आध्यात्मिक यात्रा को सार्थक बनाते हैं, बल्कि उनके जीवन को भी एक नई दिशा और उद्देश्य प्रदान करते हैं। भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में समर्पित होकर, भक्त इस भजन के माध्यम से जीवन के गहरे रहस्यों को समझ सकते हैं और अपनी आध्यात्मिक प्रगति को सुनिश्चित कर सकते हैं।


कान्हा किसका बेटा है?

कान्हा (श्रीकृष्ण) वासुदेव और देवकी के पुत्र हैं। उनका जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था, लेकिन उनका पालन-पोषण गोकुल में यशोदा और नंद बाबा ने किया।

कान्हा कौन है?

कान्हा भगवान श्रीकृष्ण का एक प्यारा नाम है। वे हिन्दू धर्म में विष्णु के आठवें अवतार माने जाते हैं। उनकी कहानियाँ महाभारत और श्रीमद्भागवत पुराण में वर्णित हैं।

कान्हा क्या करता है?

कान्हा ने बचपन में गोकुल और वृंदावन में अनेक चमत्कार किए, जैसे पूतना का वध, गोवर्धन पर्वत उठाना, और कालिया नाग का दमन करना। बड़े होकर उन्होंने महाभारत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अर्जुन के सारथी बनकर धर्म की स्थापना की।

राधा कृष्ण के कितने पुत्र थे?

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, राधा और कृष्ण के कोई संतान नहीं थी। राधा और कृष्ण का प्रेम आध्यात्मिक था और उनके बीच भक्ति और प्रेम का आदान-प्रदान हुआ करता था।

कान्हा की उम्र कितनी है?

श्रीकृष्ण की उम्र उनके अवतार के समय के अनुसार मानी जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब उन्होंने अपना शरीर त्यागा, तब उनकी उम्र लगभग 125 वर्ष थी।

Hemlata
Hemlatahttps://www.chalisa-pdf.com
Ms. Hemlata is a prominent Indian author and spiritual writer known for her contributions to the realm of devotional literature. She is best recognized for her work on the "Chalisa", a series of devotional hymns dedicated to various Hindu deities. Her book, available on Chalisa PDF, has garnered widespread acclaim for its accessible presentation of these spiritual texts.
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