गुरु नानक आरती (Guru Nanak Aarti) गुरु नानक देव जी सिख धर्म के पहले गुरु और संस्थापक हैं, जिनके जीवन और उपदेशों ने लाखों लोगों को आध्यात्मिक मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी है। उनकी आरती “धनासरी महला” एक विशेष प्रार्थना है जो गुरु नानक जी की महानता और उनके दिव्य प्रकाश की स्तुति करती है। यह आरती सिख धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है और इसे गुरु नानक जी के प्रति श्रद्धा और प्रेम की अभिव्यक्ति के रूप में गाया जाता है।
इस आरती में गुरु नानक देव जी की शरणागत वंदना की जाती है और उनके द्वारा दिए गए सिख धर्म के मूलभूत सिद्धांतों का सम्मान किया जाता है। “धनासरी महला” विशेष रूप से उनकी भक्ति, सत्य और मानवता के प्रति समर्पण की भावना को प्रकट करती है। इसे सिख धार्मिक समारोहों, पूजा और अन्य धार्मिक गतिविधियों में गाया जाता है, जो गुरु नानक जी की उपस्थिति और उनकी शिक्षाओं के प्रति श्रद्धा को व्यक्त करता है।
गुरु नानक की इस आरती के माध्यम से भक्तों को आत्मा की शांति, धर्म की समझ और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है। यह आरती सिख समुदाय में एकता और भक्ति का प्रतीक है, जो गुरु नानक के जीवन और उनके उपदेशों की महिमा को उजागर करती है।
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Dhanasari Mahala Lyrics PDF
- हिंदी / संस्कृत
- गुरमुखी / English
|| गुरु नानक आरती: धनासरी महला ||
धनासरी महला १ आरती ੴ सतिगुर प्रसादि ॥
गगन मै थालु रवि चंदु दीपक
बने तारिका मंडल जनक मोती ॥
धूपु मल आनलो पवणु चवरो करे
सगल बनराइ फूलंत जोती ॥
कैसी आरती होइ भव खंडना तेरी आरती ॥
अनहता सबद वाजंत भेरी रहाउ ॥
सहस तव नैन नन नैन है तोहि कउ
सहस मूरति नना एक तोही ॥
सहस पद बिमल नन एक पद गंध बिनु
सहस तव गंध इव चलत मोही ॥
सभ महि जोति जोति है सोइ ॥
तिस कै चानणि सभ महि चानणु होइ ॥
गुर साखी जोति परगटु होइ ॥
जो तिसु भावै सु आरती होइ ॥
हरि चरण कमल मकरंद लोभित मनो
अनदिनो मोहि आही पिआसा ॥
कृपा जलु देहि नानक सारिंग
कउ होइ जा ते तेरै नामि वासा ॥
गगन मै थालु, रवि चंदु दीपक बने,
तारका मंडल, जनक मोती।
धूपु मलआनलो, पवण चवरो करे,
सगल बनराइ फुलन्त जोति॥
कैसी आरती होइ॥
भवखंडना तेरी आरती॥
अनहत सबद बाजंत भेरी॥
Guru Nanak Aarti: dhanasari mahala lyrics
ਧਨਾਸਰੀ ਮਹਲਾ ੧ ਆਰਤੀ ॥
ਇਕੁ ਓਅੰਕਾਰੁ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥
ਗਗਨ ਮੈ ਥਾਲੁ ਰਵਿ ਚੰਦੁ ਦੀਪਕੁ ॥
ਬਨੇ ਤਾਰਿਕਾ ਮੰਡਲ ਜਨਕ ਮੋਤੀ ॥
ਧੂਪੁ ਮਲ ਆਨਲੋ ਪਵਣੁ ਚਵਰੋ ਕਰੇ ॥
ਸਗਲ ਬਨਰਾਇ ਫੂਲੰਤ ਜੋਤਿ ਜਗਦੀਸੁ ਬਨੇ ॥
ਕੈਸੀ ਆਰਤੀ ਹੋਇ ਭਵ ਖੰਡਨਾ ਤੇਰੀ ਆਰਤੀ ॥
ਅਨਹਤਾ ਸਬਦੁ ਵਾਜੰਤ ਭੇਰੀ ਰਹਾਉ ॥
ਸਹਸ ਤਵ ਨੈਨ ਨਨ ਨੈਨ ਹੈ ਤੋਹਿ ਕਉ ॥
ਸਹਸ ਮੂਰਤਿ ਨਨਾ ਏਕ ਤੋਹੀ ॥
ਸਹਸ ਪਦ ਬਿਮਲ ਨਨ ਏਕ ਪਦ ਗੰਧ ਬਿਨੁ ॥
ਸਹਸ ਤਵ ਗੰਧ ਇਵ ਚਲਤ ਮੋਹੀ ॥
ਸਭ ਮਹਿ ਜੋਤਿ ਜੋਤਿ ਹੈ ਸੋਇ ॥
ਤਿਸ ਕੈ ਚਾਨਣਿ ਸਭ ਮਹਿ ਚਾਨਣੁ ਹੋਇ ॥
ਗੁਰ ਸਾਖੀ ਜੋਤਿ ਪਰਗਟੁ ਹੋਇ ॥
ਜੋ ਤਿਸੁ ਭਾਵੈ ਸੁ ਆਰਤੀ ਹੋਇ ॥
ਹਰਿ ਚਰਣ ਕਮਲ ਮਕਰੰਦ ਲੋਭਤ ਮਨੋ ॥
ਅਨਦਿਨੋ ਮੋਹਿ ਆਹੀ ਪਿਆਸਾ ॥
ਕ੍ਰਿਪਾ ਜਲੁ ਦੇਹਿ ਨਾਨਕ ਸਾਰੰਗ ਕਉ ॥
ਹੋਇ ਜਾ ਤੇ ਤੇਰੈ ਨਾਮਿ ਵਾਸਾ ॥
ਗਗਨ ਮੈ ਥਾਲੁ, ਰਵਿ ਚੰਦੁ ਦੀਪਕੁ ਬਨੇ,
ਤਾਰਕਾ ਮੰਡਲ, ਜਨਕ ਮੋਤੀ।
ਧੂਪੁ ਮਲਆਨਲੋ, ਪਵਣ ਚਵਰੋ ਕਰੇ,
ਸਗਲ ਬਨਰਾਇ ਫੁਲਨਤ ਜੋਤਿ॥
ਕੈਸੀ ਆਰਤੀ ਹੋਇ॥
ਭਵਖੰਡਨਾ ਤੇਰੀ ਆਰਤੀ॥
ਅਨਹਤ ਸਬਦ ਬਾਜੰਤ ਭੇਰੀ॥
Guru Nanak Aarti PDF
Gagan Mae Thal Ravachanda Deepak Banay
Tarka Mandala Janak Moti
Dhoop Mal Analo Pavan Chavro Karey
Sagal Banray Phulant Jyoti
Kaisi Aarti Hoi Bhavkhanda Teri Aarti
Anhata Shabad Vajant Pheri
Sahas Tav Nain Na Na Nain Hai Tohi Kau
Sahas Moorat Na Na Ika Tohi
Sahas Pad Bimal Na Na Ik Pad
Gandh Bin Sahas Tav Gandha Iv Chalat Mohi
Sabh Mae Jot Jot Hai Soi
Tis De Chanan Sab Mein Chanan Hoi
Gur Sakhi Jyot Praghat Hoi
Jo Tis Bhave So Aarti Hoi
Har Charan Kamal Mukrand Lobita Man
Ananda Na Mohey Ai Pyaasa
Kirpa Jal Deh Nanak Sarang Kau
Hoi Jaat Tere Nae Vasa
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गुरु नानक आरती: धनासरी महला के लाभ
गुरु नानक देव जी की आरती “धनासरी महला” केवल एक धार्मिक प्रथा नहीं, बल्कि यह एक आध्यात्मिक साधना का भी हिस्सा है। इस आरती के कई लाभ हैं, जो भक्तों की आध्यात्मिक और मानसिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने में सहायक होते हैं।
आध्यात्मिक शांति और संतुलन
धनासरी महला आरती के नियमित पाठ से भक्तों को आत्मिक शांति और मानसिक संतुलन प्राप्त होता है। गुरु नानक देव जी की स्तुति और उनके उपदेशों को ध्यान में रखकर की जाने वाली यह आरती आत्मा की गहराई में शांति का अनुभव कराती है।
धार्मिक समर्पण और भक्ति
इस आरती के माध्यम से भक्त गुरु नानक देव जी के प्रति अपने समर्पण और भक्ति को प्रकट करते हैं। यह प्रार्थना भक्तों को धर्म के प्रति जागरूक और समर्पित बनाती है, जिससे उनकी भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि होती है।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार
आरती के समय गाए जाने वाले शब्द और संगीत सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। यह वातावरण को शुद्ध करता है और भक्तों के जीवन में सकारात्मकता और खुशी को बढ़ाता है।
आध्यात्मिक उन्नति और आत्मज्ञान
गुरु नानक देव जी की आरती के माध्यम से भक्त उनके उपदेशों और शिक्षाओं से प्रेरित होते हैं। इससे उन्हें आत्मज्ञान प्राप्त होता है और वे जीवन के सही मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित होते हैं।
सामाजिक और समुदायिक एकता
गुरु नानक आरती को सामूहिक रूप से गाने से सिख समुदाय में एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा मिलता है। यह समाज को एकजुट करती है और सामूहिक धार्मिक गतिविधियों के माध्यम से सामाजिक संबंधों को मजबूत बनाती है।
आध्यात्मिक बल और धैर्य
धनासरी महला के नियमित पाठ से भक्तों को आध्यात्मिक बल और धैर्य प्राप्त होता है। यह उन्हें जीवन की कठिनाइयों का सामना करने में सक्षम बनाता है और उन्हें धैर्य रखने की प्रेरणा देता है।
गुरु नानक आरती “धनासरी महला” न केवल धार्मिक बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करती है, जो भक्तों के जीवन को सकारात्मक दिशा में बदलने में सहायक होती है।