गणेश अंग पूजा मंत्र (Ganesha Anga Puja Mantra) हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। गणेश जी को विघ्नहर्ता और शुभता के प्रतीक माना जाता है। अंग पूजा मंत्रों का उच्चारण करते समय गणेश जी के शरीर के विभिन्न अंगों का ध्यान किया जाता है और उनके दिव्य गुणों का स्मरण किया जाता है। यह पूजा साधक को मानसिक शांति, सुख और समृद्धि प्रदान करने में सहायक मानी जाती है। श्री गौरीनंदन की आरती
गणेश अंग पूजा में साधक गणेश जी के विभिन्न अंगों का ध्यान करते हुए, प्रत्येक अंग का महत्व समझते हुए और उसका पूजन करते हुए मंत्रों का उच्चारण करता है। इस अनुष्ठान में गणेश जी के मस्तक, नेत्र, कान, मुख, ह्रदय, हाथ, पैर आदि अंगों की पूजा की जाती है। प्रत्येक अंग का अपना विशेष महत्व है और उसके लिए अलग-अलग मंत्रों का उच्चारण किया जाता है।
उदाहरण के लिए, गणेश जी के मस्तक का पूजन करते समय साधक ‘ॐ गणेशाय नमः’ मंत्र का उच्चारण करते हुए मस्तक को ध्यान में रखते हैं। इसी प्रकार, नेत्रों का पूजन करते समय ‘ॐ एकदंताय नमः’ मंत्र का उच्चारण किया जाता है। यह प्रक्रिया पूरे शरीर के अंगों के लिए की जाती है। इस प्रकार के पूजन से साधक को गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है और उनके जीवन में आने वाले सभी विघ्नों का नाश होता है।
गणेश अंग पूजा के पीछे धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताएं भी हैं। यह पूजा आत्मा और शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित करने में मदद करती है। इसके माध्यम से साधक गणेश जी के साथ आध्यात्मिक संबंध स्थापित करते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। अंग पूजा का महत्व यह है कि यह साधक को अपने भीतर की शक्ति और संभावनाओं को पहचानने में सहायता करती है।
इसके अलावा, गणेश अंग पूजा मंत्रों का उच्चारण करने से साधक की ध्यान शक्ति और मानसिक स्थिरता में वृद्धि होती है। यह पूजा साधक के मन और शरीर को शुद्ध करती है और उसे आत्मिक उन्नति की ओर अग्रसर करती है। गणेश अंग पूजा मंत्रों का नियमित उच्चारण करने से साधक को सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और उसका आत्मविश्वास बढ़ता है।
गणेश अंग पूजा मंत्र का महत्व केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह पूजा साधक के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने में सहायक होती है। अतः, गणेश अंग पूजा मंत्र का नियमित रूप से उच्चारण करना और इसके महत्व को समझना प्रत्येक भक्त के लिए आवश्यक है।
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|| गणेश अंग पूजा मंत्र ||
भगवान श्री गणेश अंग पूजा मंत्र
❈ ॐ गणेश्वराय नमः – पादौ पूजयामि ।
❈ ॐ विघ्नराजाय नमः – जानुनि पूजयामि ।
❈ ॐ आखुवाहनाय नमः – ऊरूः पूजयामि ।
❈ ॐ हेरम्बाय नमः – कटि पूजयामि ।
❈ ॐ कामरी सूनवे नमः – नाभिं पूजयामि ।
❈ ॐ लम्बोदराय नमः – उदरं पूजयामि ।
❈ ॐ गौरीसुताय नमः – स्तनौ पूजयामि ।
❈ ॐ गणनाथाय नमः – हृदयं पूजयामि ।
❈ ॐ स्थूल कण्ठाय नमः – कण्ठं पूजयामि ।
❈ ॐ पाश हस्ताय नमः – स्कन्धौ पूजयामि ।
❈ ॐ गजवक्त्राय नमः – हस्तान् पूजयामि ।
❈ ॐ स्कन्दाग्रजाय नमः – वक्त्रं पूजयामि ।
❈ ॐ विघ्नराजाय नमः – ललाटं पूजयामि ।
❈ ॐ सर्वेश्वराय नमः – शिरः पूजयामि ।
❈ ॐ गणाधिपताय नमः – सर्वाङ्गाणि पूजयामि ।
|| Ganesha Anga Puja Mantra ||
❈ om ganesharaay namah – paadau poojayaami॥
❈ om vighnaraajaay namah – jaanuni poojyaami॥
❈ om akhuvaahanaay namah – oorooh poojayaami॥
❈ om herambaay namah – kati poojyaami॥
❈ om kaamari sunave namah – naabhim poojayaami॥
❈ om lambodaraay namah – udaram poojyaami॥
❈ om gaureesutaay namah-stanau poojyaami॥
❈ om gananaathaay namah – hrdayam poojyaami॥
❈ om sthool kanthaay namah – kantham poojyaami॥
❈ om paash hastaay namah – skandhau poojyaami॥
❈ om gajavaktaraay namah – hastaan poojayaami॥
❈ om skandagrajaay namah -vaktran poojyaami॥
❈ om vighnaraajaay namah – lalaatam poojyaami॥
❈ om sarveshvaraay namah – shirah poojyaami॥
❈ om ganaadhipataay namah – sarvaangani poojyaami॥
Ganesha Anga Puja Mantra Benefits
गणेश अंग पूजा मंत्र के लाभ
गणेश अंग पूजा मंत्र हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र माने जाते हैं। इन मंत्रों का उच्चारण करते हुए भगवान गणेश के विभिन्न अंगों का ध्यान और पूजन किया जाता है। यह पूजा साधक के मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक विकास के लिए अत्यधिक लाभकारी होती है। यहाँ गणेश अंग पूजा मंत्र के कुछ मुख्य लाभों का वर्णन किया जा रहा है:
विघ्नों का नाश: भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। गणेश अंग पूजा मंत्रों का नियमित उच्चारण करने से साधक के जीवन में आने वाले सभी प्रकार के विघ्नों और बाधाओं का नाश होता है। यह पूजा साधक को जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त करने में मदद करती है।
मानसिक शांति और स्थिरता: गणेश अंग पूजा मंत्रों का उच्चारण मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है। यह मंत्र साधक के मन को शुद्ध करते हैं और उसे ध्यान केंद्रित करने में सहायता करते हैं। मानसिक शांति और स्थिरता जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक हैं।
आध्यात्मिक विकास: गणेश अंग पूजा मंत्र साधक के आध्यात्मिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन मंत्रों का नियमित रूप से उच्चारण करने से साधक का आत्मा और परमात्मा के बीच संबंध मजबूत होता है। यह पूजा साधक को आत्म-ज्ञान और आत्म-प्राप्ति की दिशा में अग्रसर करती है।
शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार: गणेश अंग पूजा मंत्रों का उच्चारण शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार लाता है। यह मंत्र साधक के शरीर को ऊर्जा और सकारात्मकता से भर देते हैं। नियमित पूजा करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और साधक स्वस्थ जीवन जीता है।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार: गणेश अंग पूजा मंत्र साधक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। यह मंत्र साधक को नकारात्मक विचारों और भावनाओं से मुक्त करते हैं और उसे सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ जीवन जीने में सहायता करते हैं। सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ व्यक्ति जीवन में आने वाली सभी चुनौतियों का सामना आसानी से कर सकता है।
ध्यान और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता: गणेश अंग पूजा मंत्रों का नियमित उच्चारण साधक की ध्यान और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बढ़ाता है। यह मंत्र साधक को मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करते हैं, जिससे वह अपने कार्यों में ध्यान केंद्रित कर पाता है और उच्चतम स्तर की सफलता प्राप्त करता है।
सुख और समृद्धि: गणेश अंग पूजा मंत्र साधक के जीवन में सुख और समृद्धि लाते हैं। यह पूजा साधक को आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक जीवन में सफलता प्राप्त करने में सहायता करती है। भगवान गणेश की कृपा से साधक का जीवन खुशियों से भर जाता है।
आत्मविश्वास में वृद्धि: गणेश अंग पूजा मंत्रों का उच्चारण साधक के आत्मविश्वास में वृद्धि करता है। यह मंत्र साधक को अपनी क्षमताओं और योग्यताओं पर विश्वास दिलाते हैं, जिससे वह जीवन के सभी क्षेत्रों में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ता है।
गणेश अंग पूजा मंत्रों का नियमित उच्चारण साधक के जीवन में असीम लाभ प्रदान करता है। यह पूजा साधक को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाती है और उसे जीवन में सफलता, सुख और समृद्धि प्राप्त करने में सहायता करती है। गणेश अंग पूजा मंत्र साधक के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं और उसे गणेश जी की असीम कृपा से समृद्ध करते हैं।
FAQs – गणेश अंग पूजा मंत्र (Ganesha Anga Puja Mantra)
गणेश जी की पूजा करते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?
गणेश जी की पूजा करते समय प्रमुख मंत्र हैं:
“ॐ गण गणपतये नमः”
“ॐ गं गणपतये नमः”
इन मंत्रों का जाप गणेश जी की पूजा के दौरान उनकी कृपा प्राप्त करने और विघ्नों से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है।
गणेश भगवान का मूल मंत्र क्या है?
गणेश भगवान का मूल मंत्र है:
“ॐ गं गणपतये नमः”
यह मंत्र गणेश जी के प्रमुख मंत्रों में से एक है और उनकी पूजा और आराधना के दौरान बोला जाता है।
गणेश जी के 11 मंत्र कौन-कौन से हैं?
गणेश जी के 11 प्रमुख मंत्र निम्नलिखित हैं:
“ॐ गण गणपतये नमः”
“ॐ गं गणपतये नमः”
“ॐ श्री गणेशाय नमः”
“ॐ विघ्नेश्वराय नमः”
“ॐ नमो भगवते गणपतये”
“ॐ गं गणपतये नमः”
“ॐ गणेशाय नमः”
“ॐ गण गणपतये नमः”
“ॐ श्री गणेशाय नमः”
“ॐ गणेशाय नमः”
“ॐ महागणपतये नमः”
ये मंत्र गणेश जी की विभिन्न अवस्थाओं और उनके गुणों को समर्पित होते हैं।
शक्तिशाली गणेश मंत्र कौन सा है?
गणेश जी के शक्तिशाली मंत्रों में प्रमुख मंत्र है:
“ॐ श्री गणेशाय नमः”
इसके अलावा, “ॐ गं गणपतये नमः” भी एक प्रभावशाली और शक्तिशाली मंत्र माना जाता है जो गणेश जी की पूजा और आराधना के लिए उपयोग किया जाता है।
मनोकामना पूर्ति के लिए कौन सा मंत्र शक्तिशाली है?
मनोकामना पूर्ति के लिए निम्नलिखित मंत्र शक्तिशाली माने जाते हैं:
“ॐ गण गणपतये नमः”
“ॐ श्री गणेशाय नमः”
“ॐ वक्रतुण्डाय नमः”
इन मंत्रों का जाप करने से मनोकामनाएँ पूरी होने की संभावना बढ़ जाती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
मनोकामना पूर्ति के लिए कौन सा मंत्र शक्तिशाली है?
मनोकामना पूर्ति के लिए “ॐ श्री गणेशाय नमः” और “ॐ गण गणपतये नमः” मंत्र अत्यंत शक्तिशाली माने जाते हैं। इन मंत्रों का नियमित जाप करने से मनोकामनाएँ पूरी हो सकती हैं और जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त की जा सकती है।