गणेश आरती (Ganesh ji ki aarti) आमतौर पर हर सुबह विभिन्न कार्यों और अनुष्ठानों के दौरान की जाती है। हर धार्मिक समारोह में, पहली पूजा हमेशा भगवान गणेश को समर्पित होती है। यह परंपरा उनके पिता भगवान शिव द्वारा उन्हें दिए गए आशीर्वाद से उपजी है। माता पार्वती और शिव के प्रिय पुत्र गणेश अविश्वसनीय रूप से दयालु और बुद्धिमान हैं। वे अपने भक्तों के जीवन से बाधाओं को दूर करते हैं और उन्हें धन और समृद्धि प्रदान करते हैं।
उनके एक दांत की कहानी भी बेहद शुभ है। जब ऋषि व्यास ने महाभारत लिखने में उनकी मदद मांगी, तो भगवान गणेश ने तुरंत सहमति दे दी। भगवान कृष्ण की दिव्य लीला के महत्व और मानवता के कल्याण के लिए, गणेश ने इसका महत्व समझा। जैसा कि व्यास ने बताया, गणेश ने लिखा, और महाभारत 100,000 श्लोकों में फैल गई। लिखने की गति के कारण उनकी कलम बार-बार टूट जाती थी, जिससे बाधाएँ आती थीं। लेखन में और देरी को रोकने के लिए, भगवान गणेश ने अपना दांत तोड़ दिया और इसे कलम के रूप में इस्तेमाल किया। इस प्रकार, उन्होंने महान महाकाव्य की रचना की।
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|| श्री गणेश आरती हिंदी ||
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जा की पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
|| Shri Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics ||
Jay Ganesh Jay Ganesh,
Jay Ganesh Deva॥
Mata Ja ki Parvati,
Pita Mahadeva॥
Ek Dant Dayavant,
Char Bhuj Dhari॥
Mathe Sindur Sohe,
Muse Ki Sawari॥
Jay Ganesh Jay Ganesh,
Jay Ganesh Deva॥
Mata Jaki Parvati,
Pita Mahadeva॥
Paan Chadhe Phal Chadhe,
Aur Chadhe Mewa॥
Ladduan Ka Bhog Lage,
Sant Karen Seva॥
Jay Ganesh Jay Ganesh,
Jay Ganesh Deva॥
Mata Jaki Parvati,
Pita Mahadeva॥
Andhan Ko Aankh Det,
Kodhin Ko Kaya॥
Baanjhan Ko Putra Det,
Nirdhan Ko Maya॥
Jay Ganesh Jay Ganesh,
Jay Ganesh Deva॥
Mata Jaki Parvati,
Pita Mahadeva॥
‘Sur’ Shyam Sharan Aaye,
Safal Kije Seva॥
Mata Jaki Parvati,
Pita Mahadeva॥
Jay Ganesh Jay Ganesh,
Jay Ganesh Deva॥
Mata Jaki Parvati,
Pita Mahadeva॥
Dinan Ki Laaj Rakho,
Shambhu Sutkari॥
Kamna Ko Poorn Karo,
Jaaun Balihaari॥
Jay Ganesh Jay Ganesh,
Jay Ganesh Deva॥
Mata Jaki Parvati,
Pita Mahadeva॥
Ganesh Aarti Benefits
श्री गणेश आरती के लाभ
श्री गणेश आरती हिंदू धर्म में गणेश जी की पूजा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। गणेश जी, जिन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है, सभी सुख और समृद्धि के प्रतीक हैं। उनकी पूजा और आरती के कई लाभ होते हैं जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से हमें लाभ पहुँचाते हैं। यहाँ श्री गणेश आरती के लाभों को विस्तार से समझाया गया है।
आध्यात्मिक लाभ
शांति और मानसिक संतुलन
श्री गणेश आरती का नियमित पाठ करने से मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है। गणेश जी की आरती का उच्चारण करते समय ध्यान केंद्रित होता है, जो तनाव और चिंता को कम करने में सहायक होता है। इससे आत्म-संयम और ध्यान की क्षमता में वृद्धि होती है।
आध्यात्मिक उन्नति
श्री गणेश आरती से आत्मिक उन्नति होती है। यह आरती हमें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है और जीवन के आध्यात्मिक पहलुओं को समझने में मदद करती है। गणेश जी की आरती से हम अपने आध्यात्मिक लक्ष्य की ओर बढ़ सकते हैं।
शारीरिक लाभ
स्वास्थ्य में सुधार
श्री गणेश आरती का नियमित पाठ करने से मानसिक तनाव कम होता है, जो शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। तनावमुक्त जीवन शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और बीमारियों से बचाता है।
ऊर्जा में वृद्धि
आरती के समय की गई भक्ति और मंत्रों का उच्चारण शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। यह ऊर्जा हमें दिनभर सक्रिय और ऊर्जावान बनाए रखती है।
सामाजिक लाभ
संबंधों में सुधार
श्री गणेश आरती का सामूहिक पाठ परिवार और समाज में समर्पण और एकता की भावना को बढ़ावा देता है। इससे परिवारिक और सामाजिक संबंध मजबूत होते हैं और आपसी समझ बढ़ती है।
सकारात्मक वातावरण
श्री गणेश आरती के दौरान उत्पन्न होने वाली सकारात्मक ऊर्जा से घर और समाज का वातावरण सुखद और सकारात्मक होता है। यह सकारात्मकता आपके आस-पास के लोगों को भी प्रभावित करती है और सामाजिक सहयोग बढ़ाती है।
धार्मिक लाभ
विघ्नों का नाश
गणेश जी को विघ्नहर्ता माना जाता है। गणेश आरती के माध्यम से हम अपने जीवन से विघ्न और बाधाओं को दूर करने का प्रयास करते हैं। यह पूजा हमें जीवन के कठिन दौर से उबरने की शक्ति प्रदान करती है।
पुण्य की प्राप्ति
श्री गणेश आरती से धार्मिक पुण्य की प्राप्ति होती है। यह आरती हमें धार्मिक कर्मों और कृत्यों को सही तरीके से निभाने की प्रेरणा देती है, जो जीवन में सफलता और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है।
आर्थिक लाभ
समृद्धि की प्राप्ति
श्री गणेश जी की आरती से धन और समृद्धि की प्राप्ति की दिशा में मदद मिलती है। गणेश जी को धन के देवता के रूप में पूजा जाता है, और उनकी आरती से आर्थिक स्थिरता और वृद्धि की संभावना बढ़ती है।
व्यापार में सफलता
व्यापारिक दृष्टिकोण से भी गणेश आरती लाभकारी होती है। व्यापारिक विघ्न और बाधाओं को दूर करने के लिए गणेश जी की आरती का पाठ किया जाता है, जिससे व्यापार में सफलता और प्रगति मिलती है।
मनोरंजन और सकारात्मकता
आत्म-प्रेरणा
आरती के दौरान गणेश जी की स्तुति और भक्ति हमें आत्म-प्रेरणा प्रदान करती है। यह प्रेरणा हमें जीवन में कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति देती है और हमें सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करती है।
धार्मिक अनुष्ठान की खुशी
श्री गणेश आरती का आयोजन परिवार और मित्रों के साथ मिलकर करने से आनंद और खुशी का अनुभव होता है। यह धार्मिक अनुष्ठान हमें सामूहिक खुशी और सुख की अनुभूति कराता है।
शिक्षा और ज्ञान
ज्ञान की प्राप्ति
गणेश जी को बुद्धि, ज्ञान और शिक्षा का देवता माना जाता है। गणेश आरती का नियमित पाठ करने से शिक्षा और ज्ञान में वृद्धि होती है और बुद्धि की तीव्रता बढ़ती है।
सफलता की प्राप्ति
श्री गणेश जी की आरती से परीक्षा और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में सफलता की संभावना बढ़ती है। गणेश जी की कृपा से कठिन कार्य भी आसान हो जाते हैं और सफलता की राह खुलती है।
श्री गणेश आरती का लाभ न केवल आध्यात्मिक और धार्मिक स्तर पर होता है, बल्कि यह शारीरिक, मानसिक और सामाजिक जीवन में भी सकारात्मक प्रभाव डालती है। गणेश जी की आरती से प्राप्त होने वाले लाभों को समझकर और अपनाकर हम एक सुखी, समृद्ध और संतुलित जीवन जी सकते हैं। गणेश जी की आरती हमारे जीवन को हर पहलू से संपूर्ण बनाती है और हमें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।