एक दिन वो भोले भंडारी बनकर (Ek Din Wo Bhole Bhandari PDF) भक्ति की दुनिया में भजन एक ऐसा माध्यम है जो दिल की गहराइयों को छूता है और आत्मा को शांति और आनंद का एहसास कराता है। ऐसा ही एक विशेष भजन है “एक दिन वो भोले भंडारी बनकर”, जो शिव भक्ति की अद्भुत भावनाओं को व्यक्त करता है। यह भजन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए है जो भगवान शिव की अनंत महिमा और अपने भक्तों के प्रति उनके विशेष स्नेह का अनुभव करना चाहते हैं।
भजन की पहली पंक्ति भक्तों के दिलों को गहराई तक छू जाती है। इसमें कहा गया है कि “एक दिन वह एक निर्दोष बटलर के रूप में प्रकट होंगे”, जिसका अर्थ है कि भगवान शिव, जो अपरिवर्तनीय और अज्ञात हैं, एक दिन भक्तों के कष्टों को कम करने के लिए एक निर्दोष और सरल रूप में प्रकट होंगे। इस पंक्ति में एक गहरी भावना छिपी हुई है, जो भगवान शिव की कृपा और अपने भक्तों के प्रति उनकी विशेष उदारता का बखान करती है।
भजन का मुख्य संदेश यह है कि भगवान शिव, जो भूत, भविष्य और वर्तमान के भगवान हैं, हमेशा अपने भक्तों के साथ रहते हैं। यह उन लोगों को निराश नहीं करता जो अपनी भक्ति में समर्पण और विश्वास रखते हैं। भजन में व्यक्त यह भावना हमें विश्वास दिलाती है कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयां क्यों न हों, भगवान शिव हमें कभी अकेला नहीं छोड़ते।
यह भजन भक्ति की भावना को उजागर करता है जिसमें भक्त भगवान शिव को न केवल एक अद्वितीय और शक्तिशाली देवता मानते हैं बल्कि एक प्रेमपूर्ण और मददगार मित्र भी मानते हैं। भजन की पंक्तियाँ भगवान शिव के विभिन्न रूपों की भी चर्चा करती हैं, उनके अनंत रूपों और गुणों को दर्शाती हैं।
इसके अलावा, भजन भक्तों को सिखाता है कि भगवान शिव की पूजा करने से जीवन की समस्याएं हल हो सकती हैं और मन को शांति मिल सकती है। भजन की मधुरता और उसमें छुपे गहरे भावों को महसूस कर हर भक्त की आस्था और भक्ति और भी मजबूत हो जाती है।
इस भजन का अनुभव करने से भक्ति की गहरी भावना जागृत होती है, जिससे हमें जीवन के सभी पहलुओं में भगवान शिव की उपस्थिति का एहसास होता है। “एक दिन वह मासूम भंडारी बनने के बाद” हमें सिखाता है कि भक्ति का असली अर्थ सच्चे दिल से भगवान की सेवा करना और उनमें अटूट विश्वास रखना है।
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|| एक दिन वो भोले भंडारी बनकर ||
एक दिन वो भोले भंडारी,
बन कर ब्रज की नारी,
गोकुल में आ गए…
पार्वती जी मना के हारी,
ना माने त्रिपुरारी,
गोकुल में आ गए…
पार्वती से बोले स्वामी,
मैं भी चलूँगा तेरे साथ में,
राधा संग श्याम नाचे,
मैं भी नाचूँगा तेरे साथ में,
रास रचेगा ब्रज मैं भारी,
हमे दिखाओ प्यारी, गोकुल में आ गए,
एक दिन वो भोले भंडारी….
ओ मेरे भोले स्वामी,
कैसे ले जाऊं अपने साथ में,
मोहन के सिवा वहां,
दूजा ना कोई इस रास में,
हंसी करेगी ब्रज की नारी,
मानो बात हमारी, गोकुल में आ गए,
एक दिन वो भोले भंडारी….
ऐसा बना दो मुझको,
कोई ना जाने इस राज को,
मैं हूँ सहेली तेरी,
ऐसा बताना ब्रज राज को,
बना के जुड़ा पहन के साड़ी,
चाल चले मतवाली, गोकुल में आ गए,
एक दिन वो भोले भंडारी….
हस के सती ने कहा,
बलिहारी जाऊं इस रूप पे,
इक दिन तुम्हारे लिए,
आए मुरारी इस रूप मैं,
मोहिनी रूप बनाया मुरारी,
अब है तुम्हारी बारी, गोकुल में आ गए,
एक दिन वो भोले भंडारी….
देखा मोहन ने जब,
समझ गए वो सारी बात रे,
ऐसी बजाई बंसी,
सुध बुध भूले भोलेनाथ रे,
सिरक गयी जब सर से चुनरी,
मुस्काए गिरधारी, गोकुल में आ गए,
एक दिन वो भोले भंडारी….
दीनदयालु तेरा तब से,
गोपेश्वर हुआ नाम रे,
ओ भोले बाबा तेरा,
वृन्दावन में बना धाम रे,
ताराचंद कहे त्रिपुरारी,
रखियो लाज हमारी, गोकुल में आ गए,
एक दिन वो भोले भंडारी….
|| Ek Din Wo Bhole Bhandari Lyrics ||
Ek Din Vo Bhole Bhandari,
Ban Karke Braj Ki Naari,
Braj/Vrindavan* Mein Aa Gae ।
Parvati Bhi Mana Ke Haari,
Na Mane Tripurari,
Braj Mein Aa Gae ।
Parvati Se Bole,
Main Bhi Chalunga Tere Sang Mein
Radha Sang Shyam Nache,
Main Bhi Nachunga Tere Sang Mein
Raas Rachega Braj Main Bhari,
Hume Dikhado Pyari, Braj Mein Aa Gae ।
॥ Ek Din Vo Bhole Bhandari… ॥
O Mere Bhole Swami,
Kaise Le Jaun Apne Sang Mein
Shyam Ke Siva Vahaan,
Purush Na Jae Us Raas Mein
Hansi Karegi Braj Ki Naari,
Maano Baat Hamari, Braj Mein Aa Gae ।
॥ Ek Din Vo Bhole Bhandari… ॥
Aisa Bana Do Mohe,
Koi Na Jane Es Raj Ko
Main Hun Saheli Teri,
Aisa Batana Braj Raaj Ko
Bana Ke Juda Pahan Ke Sari,
Chaal Chale Matvali, Braj Mein Aa Gae ।
॥ Ek Din Vo Bhole Bhandari… ॥
Hans Ke Sati Ne Kaha,
Balihari Jaun Is Roop Mein
Ek Din Tumhare Lie,
Aaye Murari Is Roop Main
Mohini Roop Banaya Murari,
Ab Hai Tumhari Bari, Braj Mein Aa Gae ।
॥ Ek Din Vo Bhole Bhandari… ॥
Dekha Mohan Ne,
Samajh Gaye Vo Sari Baat Re
Aisi Bajai Bansi,
Sudh Budh Bhule Bholenath Re
Sir Se Khisak Gayi Jab Sari,
Muskaye Girdhari, Braj Mein Aa Gae ।
॥ Ek Din Vo Bhole Bhandari… ॥
Dindayal Tera Tab Se,
Gopeshwar Hua Naam Re
O Bhole Baba Tera,
Vrindavan Bana Dham Re
Bhakt Kahe O Tripurari,
Rakho Laaj Hamari, Braj Mein Aa Gae ।
Ek Din Vo Bhole Bhandari,
Ban Karake Braj Ki Naari,
Braj Mein Aa Gae ।
Parvati Bhi Mana Ke Hari,
Na Mane Tripurari,
Braj Mein Aa Gae ।
Ek Din Wo Bhole Bhandari Benefits
भजन “एक दिन वो भोले भंडारी बनकर” के लाभ
भजन, विशेषकर “एक दिन वो भोले भंडारी बनकर,” का नियमित रूप से गायन और श्रवण करने से कई लाभ होते हैं, जो न केवल मानसिक और आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं को भी सवस्थ बनाते हैं। निम्नलिखित लाभ इस भजन के विशेष गुणों को दर्शाते हैं:
आध्यात्मिक शांति: इस भजन की श्रवण से भक्तों को गहरी आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है। भगवान शिव की भक्ति में मन और आत्मा को स्थिरता मिलती है, जिससे मानसिक तनाव और चिंता दूर होती है।
सकारात्मक ऊर्जा: भजन की पंक्तियाँ और उनकी ध्वनि सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं। इसे सुनने और गाने से मन को उत्साह और प्रेरणा मिलती है, जिससे दिनभर की चुनौतियों का सामना करना आसान हो जाता है।
भक्तिपूर्वक विश्वास: भजन के माध्यम से भगवान शिव के प्रति भक्तों का विश्वास और भक्ति और भी गहरा होता है। इससे उन्हें यह विश्वास मिलता है कि भगवान हमेशा उनके साथ हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे।
भावनात्मक संतुलन: नियमित रूप से इस भजन का गायन भावनात्मक संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। यह मानसिक शांति और स्थिरता को बढ़ावा देता है, जिससे तनाव और निराशा को कम किया जा सकता है।
समाज में सकारात्मक प्रभाव: भजन के माध्यम से समाज में सकारात्मकता और प्रेम का संदेश फैलता है। यह लोगों को एकजुट करने और समुदाय में भक्ति और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने में मदद करता है।
स्वास्थ्य लाभ: भजन की ध्वनि और उसके अर्थ को समझने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। यह तनाव कम करने और आत्मा को सुकून प्रदान करने में सहायक होता है, जो समग्र स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
आध्यात्मिक उन्नति: भजन का अभ्यास आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है। यह भक्तों को भगवान शिव के साथ एक गहरा संबंध स्थापित करने और आत्मा की शुद्धि में मदद करता है।
इस प्रकार, एक दिन वो भोले भंडारी बनकर भजन न केवल आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति का साधन है, बल्कि यह जीवन के विभिन्न पहलुओं में सकारात्मक प्रभाव डालता है। इसके माध्यम से भक्तों को आंतरिक सुख और शांति प्राप्त होती है, जो जीवन को अधिक सारगर्भित और संतुलित बनाती है।