भजन बनवारी तेरी यारी ने दीवाना बना दिया (Banwari Teri Yaari Ne Deewana Bana Diya) भगवान श्रीकृष्ण के प्रति एक भक्त की गहरी भक्ति और प्रेम को व्यक्त करता है। इस भजन में भगवान श्रीकृष्ण को ‘बनवारी’ कहकर पुकारा गया है, जो उन्हें वृंदावन के वन में रमण करने वाले के रूप में दर्शाता है। यह भजन भक्त की उन भावनाओं का प्रतीक है, जिसमें वह अपने आराध्य से इतना जुड़ गया है कि उसकी हर सोच, हर भावना केवल श्रीकृष्ण के इर्द-गिर्द ही घूमती है। आप नन्द के आनन्द भयो , मुझे अपने ही रंग में रंग ले मेरे यार सवारे लिरिक्स भी पढ़ सकते हैं।
भक्त को भगवान की यारी, यानी उनकी संगति, ने इस हद तक प्रभावित किया है कि वह संसार के मोह-माया से मुक्त होकर केवल प्रभु की भक्ति में लीन हो गया है। ‘दीवाना’ शब्द का प्रयोग यह दर्शाने के लिए किया गया है कि भक्त की भक्ति किसी साधारण प्रेम से नहीं, बल्कि एक गहन और अनन्य प्रेम से उत्पन्न हुई है। यह प्रेम उसे संसार की सभी चिंताओं से मुक्त कर देता है और केवल भगवान की भक्ति में डूबने को प्रेरित करता है।
यह भजन केवल भगवान श्रीकृष्ण के प्रति प्रेम का ही नहीं, बल्कि उनके साथ संबंध की एक गहरी अनुभूति का भी वर्णन करता है। जब भक्त कहता है, “बनवारी तेरी यारी ने दीवाना बना दिया,” तो वह यह मानता है कि भगवान के साथ उसकी मित्रता या यारी ही उसके जीवन का सबसे बड़ा उपहार है। यह मित्रता उसे हर प्रकार की बंधनों से मुक्त कर देती है और उसे एक अद्वितीय आध्यात्मिक आनंद की ओर ले जाती है।
अंततः, यह भजन एक सच्चे भक्त की भावना का प्रतीक है, जो भगवान श्रीकृष्ण के साथ अपने संबंध को सर्वोच्च मानता है। यह भजन भक्त को याद दिलाता है कि भगवान के साथ सच्ची मित्रता और प्रेम ही जीवन का असली सार है, और यह भक्ति उसे किसी भी सांसारिक बंधन से ऊपर उठाकर दिव्य आनंद की अनुभूति करा सकती है।
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बनवारी तेरी यारी ने दीवाना बना दिया लिरिक्स
(Banwari Teri Yaari Ne Lyrics)
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|| बनवारी तेरी यारी ने दीवाना बना दिया ||
बनवारी तेरी यारी ने दीवाना बना दिया (2)
दीवाना बना दिया हमे, मस्ताना बना दिया (2)
बनवारी गिरधारी बनवारी
तेरी यारी ने, दीवाना बना दिया ll
बनवारी तेरी यारी ने दीवाना बना दिया
भूल गई सुध बुध अपनी, बे-सुध सी हो गई,
अपने ही घर में रह कर, अनजानी हो गई ll (2)
तुम्हे शमा बना के, तुम्हे शमा बना के
दिल अपना, परवाना बना दिया
बनवारी तेरी यारी ने………..
तेरी पायल का बन घुंघरूं, नाचूंगी संग मैं,
छोड़ रंग दुनियाँ के रंग गई, तेरे ही रंग में ll (2)
तुम्हे बना के मथुरा, तुम्हे बना के मथुरा
और खुद को, बरसाना बना दिया
बनवारी तेरी यारी ने…………
कुछ भी कहे ज़माना, अब कोई परवाह ही नहीं,
धन दौलत और शोहरत की, अब मुझ को चाह नहीं ll (2)
क्या करूँ कांच के, क्या करूँ कांच के टुकड़ों का,
मैंने हीरा पा लिया,
बनवारी तेरी यारी ने……..
तुम जो प्रेम पतंग बना, बन जाऊँगी डोर मैं,
उड़ती फिरूं गगन में संग संग, चारों ओर मैं ll (2)
कहे किशन तेरी, कहे किशन तेरी,
पद रैनू ने जग बंधन छुड़ा लिया,
बनवारी तेरी यारी ने………….
|| Banwari Teri Yaari Ne Deewana Bana Diya ||
Banwari Teri Yaari Ne Deewana Bana Diya (2)
Deewana Bana Diya Humein Mastana Bana Diya (2)
Banwari Girdhari Banwari
Teri Yaari Ne Deewana Bana Diya
Banwari Teri Yaari Ne Deewana Bana Diya
Bhool Gayi Budh Apni, Be-Sudh Si Ho Gayi,
Apne Hi Ghar Mein Reh Kar, Anjaani Ho Gayi (2)
Tumhe Shama Bana Ke, Tumhe Shama Bana Ke
Dil Apna, Parwana Bana Diya
Banwari Teri Yaari Ne………..
Teri Payal Ka Bann Ghunghroo, Nachungi Sangh Mein
Chord Rang Duniya Ke Rang Gayi, Tere Rang Mein (2)
Tumhe Bana Ke Mathura, Tumhe Bana Ke Mathura,
Aur Khudh Ko, Barsana Bana Diya
Banwari Teri Yaari Ne………..
Kuch Bhi Kahe Jamana, Ab Koi Parwah Hi Nahi
Dhan Daulat Aur Shohrat Ki, Ab Mujh Ko Chah Nahi (2)
Kya Karun Kaanch Ke, Kya Karun Kaanch Ke Tukdo Ka
Maine Heera Paa Liya
Banwari Teri Yaari Ne………..
Tum Ko Prem Patang Bana, Bann Jaungi Dor Mein
Udti Phiru Gagan Mein Sangh Sangh, Chaaro Aur Mein (2)
Kahe Kishan Teri, Kahe Kishan Teri
Padh Renu Ne Jagh Bandhan Chuda Liya
Banwari Teri Yaari Ne………..
Banwari Teri Yaari Ne Diwana Bana Diya Video
भजन “बनवारी तेरी यारी ने दीवाना बना दिया” के लाभ
भजन “बनवारी तेरी यारी ने दीवाना बना दिया” का अर्थ और उसके लाभों को समझने के लिए हमें सबसे पहले इस भजन के मूल तत्वों और उसके गहरे आध्यात्मिक महत्व को समझना होगा। यह भजन एक भक्त और उसके आराध्य भगवान श्रीकृष्ण के बीच के अटूट प्रेम, भक्ति, और समर्पण को उजागर करता है। श्रीकृष्ण को ‘बनवारी’ कहकर संबोधित करना, उनके वृंदावन के जीवन और उनके प्रति भक्तों के प्रेम का प्रतीक है।
1. मानसिक शांति और स्थिरता
इस भजन के माध्यम से जो लाभ सबसे पहले सामने आता है, वह है मानसिक शांति और स्थिरता। भजन गाने और सुनने से मन को एक अद्वितीय शांति मिलती है। जब कोई व्यक्ति भगवान के प्रति गहरे प्रेम और भक्ति से ओत-प्रोत हो जाता है, तो वह सभी प्रकार की मानसिक चिंताओं और तनावों से मुक्त हो जाता है। “बनवारी तेरी यारी ने दीवाना बना दिया” इस बात का प्रतीक है कि भगवान की यारी या संगति में जो आनंद मिलता है, वह किसी भी सांसारिक सुख से बढ़कर है। यह भजन हमें मानसिक और भावनात्मक स्थिरता प्रदान करता है, जो आज के युग में बेहद महत्वपूर्ण है।
2. आत्मसमर्पण का भाव
भजन का दूसरा महत्वपूर्ण लाभ है आत्मसमर्पण का भाव। जब एक भक्त यह स्वीकार करता है कि “तेरी यारी ने दीवाना बना दिया,” तो वह वास्तव में अपने अहंकार और स्वार्थ को त्यागकर पूरी तरह से भगवान की इच्छा में समर्पित हो जाता है। इस आत्मसमर्पण से व्यक्ति का जीवन सरल और समृद्ध हो जाता है, क्योंकि वह हर चीज़ में भगवान की इच्छा को देखता है और स्वीकार करता है। यह समर्पण हमें संसार के माया-जाल से मुक्त करता है और एक सरल, सादगीपूर्ण और शांति-भरा जीवन जीने की प्रेरणा देता है।
3. भक्तिमय जीवन का विकास
यह भजन भक्त को भगवान की भक्ति में डूबने के लिए प्रेरित करता है। “तेरे नाम की मस्ती ने मुझे दीवाना बना दिया” यह पंक्ति भगवान के नाम और उनकी महिमा की निरंतर स्मरण करने की प्रेरणा देती है। इस स्मरण से भक्त का जीवन पूरी तरह से भक्ति-पूर्ण हो जाता है। जब व्यक्ति अपने जीवन के हर क्षण में भगवान का नाम जपता है और उनकी महिमा का गुणगान करता है, तो वह सभी प्रकार की विपत्तियों से सुरक्षित रहता है और उसके जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है।
4. जीवन में एकाग्रता और उद्देश्य की प्राप्ति
भजन गाने से भक्त का मन भगवान में एकाग्रित हो जाता है। “तेरी बाँसुरी की धुन ने ऐसा जादू कर दिया” यह पंक्ति भगवान की मधुर वाणी और उनके उपदेशों की ओर इशारा करती है। जब भक्त भगवान की वाणी और उनकी शिक्षाओं में एकाग्रित हो जाता है, तो वह अपने जीवन के उद्देश्य को स्पष्ट रूप से समझने लगता है। यह भजन व्यक्ति को एक स्पष्ट और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा देता है, जहाँ हर कार्य और सोच भगवान की महिमा और उनकी सेवा के लिए समर्पित होता है।
5. प्रेम और करुणा का प्रसार
भजन के माध्यम से प्रेम और करुणा का प्रसार होता है। “तेरे प्यार में खो गया, तेरे रंग में रंग गया” यह पंक्ति बताती है कि भगवान के प्रेम में डूबकर व्यक्ति का मन करुणा और दया से भर जाता है। भगवान की भक्ति में रंगा हुआ व्यक्ति अपने आसपास के लोगों के प्रति भी प्रेम और सहानुभूति का भाव रखता है। यह प्रेम और करुणा का भाव व्यक्ति को एक बेहतर इंसान बनाता है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक होता है।
6. आत्मज्ञान की प्राप्ति
यह भजन व्यक्ति को आत्मज्ञान की ओर ले जाता है। जब भक्त कहता है, “अब तो हर सांस में तेरा ही नाम है,” तो वह वास्तव में आत्मज्ञान की स्थिति में पहुंच चुका होता है। यह आत्मज्ञान उसे अपने वास्तविक स्वरूप का बोध कराता है और उसे जीवन के सही मायने समझने में सहायता करता है। भगवान के प्रति यह अटूट भक्ति व्यक्ति को आत्मज्ञान की दिशा में अग्रसर करती है, जहाँ वह अपनी आत्मा और परमात्मा के एकत्व का अनुभव करता है।
7. संसारिक मोह-माया से मुक्ति
भजन का एक और महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह भक्त को संसारिक मोह-माया से मुक्त करता है। “तेरी यारी ने मुझे दीवाना बना दिया” यह पंक्ति इस बात की प्रतीक है कि भगवान की भक्ति में डूबकर व्यक्ति सभी प्रकार की सांसारिक बंधनों से मुक्त हो जाता है। वह केवल भगवान की भक्ति में लीन हो जाता है और उसे संसार के अन्य भौतिक सुखों में कोई दिलचस्पी नहीं रहती। यह भजन हमें यह सिखाता है कि भगवान की भक्ति में ही जीवन की सच्ची खुशी है और अन्य सभी चीजें तुच्छ हैं।
8. आध्यात्मिक प्रगति और मोक्ष की प्राप्ति
यह भजन भक्त को आध्यात्मिक प्रगति की ओर अग्रसर करता है। जब भक्त पूरी तरह से भगवान में लीन हो जाता है, तो वह सभी प्रकार की आध्यात्मिक बाधाओं को पार कर लेता है। “तेरी यारी ने मुझे दीवाना बना दिया” यह पंक्ति इस बात का प्रतीक है कि भगवान के साथ संबंध में वह मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। यह भजन हमें यह सिखाता है कि भगवान की भक्ति और उनके प्रति समर्पण से ही मोक्ष की प्राप्ति संभव है, और यही जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य है।
9. नकारात्मक विचारों से मुक्ति
भजन के माध्यम से व्यक्ति नकारात्मक विचारों और भावनाओं से मुक्त हो जाता है। भगवान के नाम का स्मरण और उनकी महिमा का गुणगान करने से व्यक्ति के मन में सकारात्मक विचारों का उदय होता है। “तेरे नाम की मस्ती ने मुझे दीवाना बना दिया” यह पंक्ति इस बात का प्रतीक है कि भगवान के नाम का स्मरण व्यक्ति के मन को शांत और सकारात्मक बनाता है। नकारात्मक विचार और भावनाएँ, जो व्यक्ति को दुखी और तनावग्रस्त बनाती हैं, वे इस भजन के माध्यम से समाप्त हो जाती हैं।
10. समाज में शांति और सद्भावना का प्रसार
भजन के माध्यम से व्यक्ति न केवल अपने जीवन में शांति और स्थिरता प्राप्त करता है, बल्कि समाज में भी शांति और सद्भावना का प्रसार करता है। “तेरी बाँसुरी की धुन ने ऐसा जादू कर दिया” यह पंक्ति इस बात का प्रतीक है कि भगवान की मधुर धुन सभी प्रकार के द्वेष और संघर्षों को समाप्त कर देती है। जब समाज में हर व्यक्ति भगवान की भक्ति में लीन होता है, तो समाज में शांति और सद्भावना का वातावरण बनता है। यह भजन समाज में एकता, प्रेम और सहयोग की भावना का विकास करता है।
11. परिवारिक और सामाजिक संबंधों का सुधार
भजन गाने और सुनने से पारिवारिक और सामाजिक संबंधों में सुधार होता है। जब व्यक्ति भगवान की भक्ति में लीन होता है, तो वह अपने परिवार और समाज के प्रति भी अपने कर्तव्यों का पालन करता है। “तेरे प्यार में खो गया, तेरे रंग में रंग गया” यह पंक्ति इस बात का प्रतीक है कि भगवान के प्रेम में रंगा हुआ व्यक्ति अपने परिवार और समाज के प्रति भी प्रेम और सहानुभूति का भाव रखता है। यह भजन व्यक्ति को एक अच्छा पति, पत्नी, माता-पिता और समाज का सदस्य बनने की प्रेरणा देता है।
12. धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण
भजन के माध्यम से धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण होता है। “अब तो हर सांस में तेरा ही नाम है” यह पंक्ति इस बात का प्रतीक है कि व्यक्ति अपने जीवन में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को अपनाता है। यह भजन व्यक्ति को भगवान के प्रति समर्पित जीवन जीने की प्रेरणा देता है, जिसमें धर्म और संस्कृति का पालन करना महत्वपूर्ण होता है। इससे धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण होता है और वे आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करती हैं।
13. धार्मिक उत्सवों और समारोहों में महत्व
भजन का एक और महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह धार्मिक उत्सवों और समारोहों का अभिन्न हिस्सा बनता है। “बनवारी तेरी यारी ने दीवाना बना दिया” जैसे भजन धार्मिक उत्सवों, पूजा-पाठ और सामूहिक भक्ति समारोहों में गाए जाते हैं। यह भजन धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सवों को और भी खास बनाता है और उनमें एक विशेष आध्यात्मिक वातावरण का निर्माण करता है। इसके गाने से धार्मिक उत्सवों की गरिमा बढ़ती है और भक्तों को भगवान के करीब आने का अवसर मिलता है।
14. समय के साथ भक्ति की गहराई
भजन का लाभ यह भी है कि यह समय के साथ भक्त की भक्ति की गहराई को बढ़ाता है। “तेरी यारी ने मुझे दीवाना बना दिया” यह पंक्ति इस बात का प्रतीक है कि भगवान के साथ समय बिताने से भक्त की भक्ति और भी गहरी हो जाती है। जब व्यक्ति नियमित रूप से भजन गाता है और भगवान का स्मरण करता है, तो उसकी भक्ति और भी दृढ़ हो जाती है। यह भजन हमें नियमित रूप से भगवान की भक्ति में लीन रहने की प्रेरणा देता है, जिससे हमारी भक्ति की गहराई और भी बढ़ती है।
15. जीवन में संतोष और आनंद का अनुभव
अंततः, भजन का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह हमें जीवन में संतोष और आनंद का अनुभव कराता है। “तेरी यारी ने मुझे दीवाना बना दिया” यह पंक्ति इस बात का प्रतीक है कि भगवान की भक्ति में डूबकर व्यक्ति को एक अद्वितीय आनंद और संतोष की प्राप्ति होती है। यह भजन व्यक्ति को यह सिखाता है कि सच्चा आनंद और संतोष केवल भगवान की भक्ति में ही मिल सकता है, और अन्य सभी सांसारिक सुख-समृद्धियाँ तुच्छ हैं। जब व्यक्ति भगवान की भक्ति में संतुष्ट हो जाता है, तो वह हर परिस्थिति में खुश और संतुष्ट रहता है।